'झुकने वाला नहीं ये उनकी गलतफहमी है', ईरान ने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका को दी चेतावनी

    पश्चिम एशिया में जारी कूटनीतिक खींचतान के बीच ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर दो-टूक रुख अपनाते हुए अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है. कतर की राजधानी दोहा में ईरानी उप विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया कि यदि बातचीत का उद्देश्य ईरान के परमाणु अधिकारों को सीमित करना है.

    Iran Gave Clear message to america over atom bomb progrm
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    दोहा (कतर) – पश्चिम एशिया में जारी कूटनीतिक खींचतान के बीच ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर दो-टूक रुख अपनाते हुए अमेरिका को कड़ा संदेश दिया है. कतर की राजधानी दोहा में ईरानी उप विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने स्पष्ट किया कि यदि बातचीत का उद्देश्य ईरान के परमाणु अधिकारों को सीमित करना है, तो ईरान इसके लिए कभी तैयार नहीं होगा. अराघची ने जोर देते हुए कहा, "हम अपने परमाणु अधिकारों से पीछे नहीं हटेंगे. अगर अमेरिका सोचता है कि वह ईरान से उसका संवैधानिक अधिकार छीन सकता है, तो यह उसकी गलतफहमी है."

    क्या है ईरान का पक्ष?

    ईरान लंबे समय से यह कहता आया है कि उसका परमाणु कार्यक्रम केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. अराघची ने भी यही दोहराया कि यूरेनियम संवर्धन (यूरेनियम एनरिचमेंट) उसका वैध अधिकार है और इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता.

    उन्होंने अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के उस बयान को भी खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि ईरान को किसी भी समझौते के तहत अपनी संवर्धन क्षमताओं को समाप्त करना होगा.

    अमेरिका और इजरायल की चेतावनी

    इस पूरे घटनाक्रम के बीच, अमेरिका और इजरायल लगातार ईरान पर दबाव बना रहे हैं. अमेरिका का कहना है कि अगर बातचीत विफल होती है, तो सैन्य विकल्प भी खुला है, जिसमें इजरायल अग्रणी भूमिका निभा सकता है. हालांकि, ईरान ने हमेशा यह दावा किया है कि उसका कार्यक्रम नागरिक उपयोगों जैसे ऊर्जा उत्पादन और चिकित्सा उद्देश्यों के लिए है, न कि परमाणु हथियार बनाने के लिए.

    बातचीत की दिशा क्या होगी?

    अराघची ने यह भी कहा कि यदि अमेरिका और अन्य पश्चिमी ताकतें ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु उपयोग को स्वीकार करती हैं, तो समझौते की संभावनाएं ज़िंदा रह सकती हैं. लेकिन यदि वार्ताएं दबाव और प्रतिबंधों के जरिए अधिकार छीनने की कोशिश होंगी, तो ईरान झुकने वाला नहीं है.

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