हमने कतर में अमेरिकी 'संचार राडोम' को तबाह किया... ईरान ने सैटेलाइट वीडियो जारी कर दिया सबूत, देखें

    ईरान ने शुक्रवार (11 जुलाई) को एक वीडियो जारी कर दावा किया कि पिछले महीने इजरायल के साथ हुए संघर्ष के दौरान उसने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर एक महत्वपूर्ण संचार प्रणाली को निशाना बनाया था.

    Iran destroys US communications radome in Qatar
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    नई दिल्ली: ईरान ने शुक्रवार (11 जुलाई) को एक वीडियो जारी कर दावा किया कि पिछले महीने इजरायल के साथ हुए संघर्ष के दौरान उसने कतर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर एक महत्वपूर्ण संचार प्रणाली को निशाना बनाया था. ईरान का यह वीडियो भारत में स्थित ईरानी दूतावास ने अपने आधिकारिक 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर साझा किया.

    पोस्ट में कहा गया कि सैटेलाइट चित्रों से पता चलता है कि ईरानी मिसाइल हमले में अमेरिका की एक प्राथमिक संचार रेडोम प्रणाली को नुकसान पहुंचा है, जो कतर के अल उदीद एयर बेस पर स्थित है. एक अन्य समान संरचना कुवैत में स्थित बताई गई है.

    सैटेलाइट इमेज में दिखा नुकसान

    ईरान इंटरनेशनल द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया है कि घटना 23 जून को ईरानी मिसाइल हमलों के दौरान हुई थी. रिपोर्ट के अनुसार, निजी सैटेलाइट इमेजिंग कंपनी Satellogic द्वारा 24 जून को खींची गई तस्वीरों में अल उदीद एयर बेस के मध्य में स्थित एक जियोडेसिक रेडोम को क्षतिग्रस्त दिखाया गया है. यह संरचना आम तौर पर उन्नत संचार उपकरणों की सुरक्षा के लिए उपयोग में लाई जाती है.

    चित्रों में उक्त क्षेत्र को एक "काली धब्बेदार छवि" के रूप में दिखाया गया है, जो संभावित विस्फोट या आग की ओर संकेत करता है, जबकि बेस के अन्य हिस्सों में कोई स्पष्ट क्षति नहीं दिखाई दी है.

    अल उदीद एयर बेस का महत्व

    कतर स्थित अल उदीद एयर बेस अमेरिका का मध्य पूर्व में सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है और यह US CENTCOM (Central Command) का एक अग्रिम मुख्यालय भी है. यह बेस अमेरिका के क्षेत्रीय सैन्य अभियानों और संचार नेटवर्क की रीढ़ माना जाता है.

    संभावित रूप से प्रभावित रेडोम में Modernization Enterprise Terminal (MET) प्रणाली हो सकती है. यह लगभग $15 मिलियन की लागत वाली उपग्रह संचार प्रणाली है, जिसे पहली बार 2016 में अमेरिका के बाहर यहीं स्थापित किया गया था. यह टर्मिनल सैन्य संचार के लिए सुरक्षित वॉयस, वीडियो और डेटा ट्रांसमिशन की सुविधा देता है, और इसमें एंटी-जैमिंग तकनीक भी मौजूद है.

    पृष्ठभूमि: संघर्ष और मिसाइल हमले

    23 जून को हुआ यह मिसाइल हमला अमेरिका द्वारा ईरान की तीन परमाणु स्थलों पर की गई हवाई कार्रवाई के एक दिन बाद हुआ. उस कार्रवाई को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को "पूरी तरह नष्ट" कर दिया गया.

    हमले के बाद ट्रंप ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि 13 में से अधिकांश मिसाइलें निष्क्रिय कर दी गईं और एक मिसाइल "गैर-खतरनाक दिशा" में चली गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि कोई अमेरिकी सैनिक हताहत नहीं हुआ और नुकसान नगण्य रहा.

    CENTCOM ने भी एक बयान में कहा था कि अमेरिकी और कतरी बलों ने मिलकर हमले का सफलतापूर्वक जवाब दिया और बेस की रक्षा की गई.

    विश्लेषण और सुरक्षा विशेषज्ञों की राय

    सुरक्षा विश्लेषक फरजिन नदिमी ने बताया कि अल उदीद एयर बेस की सुरक्षा अमेरिकी पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम और कतर की अन्य रक्षा इकाइयों द्वारा की जा रही थी. उन्होंने कहा, "मिसाइल का पता चलते ही प्रतिक्रिया के लिए मात्र दो मिनट का समय था."

    नदिमी ने यह भी संभावना जताई कि हमले में एक ड्रोन शामिल हो सकता है, जो संभावित रूप से उस समय बेस में प्रवेश कर गया जब मिसाइलें रोकी जा रही थीं.

    अमेरिका की प्रतिक्रिया और वर्तमान स्थिति

    अब तक अमेरिका ने इस दावे पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप ने इस घटना के तुरंत बाद युद्धविराम की घोषणा की थी, जो अभी भी लागू है.

    वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि उपग्रह चित्रों में दिखाई गई क्षति से यह स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि हमले में अमेरिकी सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को वास्तविक नुकसान हो सकता है – हालांकि यह अभी भी स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया गया है. 

    ये भी पढ़ें- एपल के बाद अब सैमसंग भी भारत में बढ़ाएगा प्रोडक्शन, US में बिकने वाले स्मार्टफोन यहां बनाने की तैयारी