Asim Munir Vs Nawaz Sharif: पाकिस्तान में एक बार फिर सत्ता और सेना के बीच खींचतान खुलकर सामने आ गई है. संविधान संशोधन के बाद बनाए गए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) के नए पद को लेकर जबरदस्त राजनीतिक हलचल मची है. यह पद देश की तीनों सेनाओं पर व्यापक नियंत्रण और रणनीतिक अधिकार देता है, इसलिए इसे पाकिस्तान की राजनीति में “सुपर आर्मी चीफ” की तरह देखा जा रहा है.
सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर को इस पद पर नियुक्त करने की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं. 29 नवंबर की तारीख भी तय हो गई थी, लेकिन आखिरी वक्त में नोटिफिकेशन रुक गया. पाँच दिन गुजर जाने के बाद भी फाइल आगे नहीं बढ़ी. इसके पीछे जो वजह सामने आ रही है, वह पाकिस्तान की सियासत में भूचाल ला रही है.
नवाज शरीफ ने खींच दी ब्रेक
सत्ता गलियारों में माना जा रहा है कि सीडीएफ की नियुक्ति में सबसे बड़ा अवरोध नवाज शरीफ हैं, जिन्होंने पर्दे के पीछे से पूरे घटनाक्रम को रोक दिया है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ विदेश दौरे से लौटने के बाद सीधे इस्लामाबाद आने की बजाय लाहौर में रुक गए, जहाँ नवाज शरीफ से उनकी विस्तृत मुलाकात हुई. इसके बाद ही नोटिफिकेशन पर हस्ताक्षर टल गए. कई विश्लेषकों का मानना है कि नवाज शरीफ अपनी शर्तों के पूरा होने तक इस महत्वपूर्ण फाइल को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते.
‘असीम मुनीर से सौदेबाज़ी’
पाकिस्तान सेना के पूर्व अधिकारी आदिल राजा का दावा है कि नवाज शरीफ ने इस पद को मंजूरी देने के बदले कुछ कठोर राजनीतिक और सैन्य शर्तें रखी हैं. उनके अनुसार, नवाज शरीफ चाहते हैं कि नदीम अंजुम को फिर से DG-ISI बनाया जाए. नवाज शरीफ की पहली मांग यह है कि लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम, जो 2024 तक DG-ISI रह चुके हैं, उन्हें दोबारा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की कमान दी जाए.
आदिल राजा का कहना है कि नवाज शरीफ इस मांग का उदाहरण भी पेश कर रहे हैं, 1989 में बेनजीर भुट्टो ने रिटायर होने के बाद शम्सुर्रहमान कल्लू को डीजी-आईएसआई बनाया था. नवाज शरीफ reportedly चाहते हैं कि सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा ढांचे के दो प्रमुख पद चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (COAS), नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) का प्रमुख उनकी पसंद के अधिकारियों को दिए जाएं.
चौथी बार प्रधानमंत्री बनने का ‘रोडमैप’
रिपोर्ट्स के अनुसार, नवाज शरीफ इस शक्ति-संतुलन का उपयोग अपनी चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की रणनीति के लिए कर रहे हैं. कई सैन्य अधिकारी, जिसमें कुछ कोर कमांडर और डीजी आईएसआई असीम मलिक शामिल बताए जा रहे हैं, नवाज शरीफ से संपर्क में हैं.
असीम मुनीर मुश्किल स्थिति में
आदिल राजा का कहना है कि नवाज शरीफ ने यह फाइल रोककर असीम मुनीर को “राजनीतिक जाल” में फंसा दिया है. CDF पद उनके लिए प्रतिष्ठा और शक्ति दोनों का प्रतीक है, लेकिन नवाज शरीफ के दबाव के बिना इसकी मंजूरी मिलना कठिन दिख रहा है.
पाकिस्तान में दो बड़े सवाल उभर रहे हैं कि क्या असीम मुनीर नवाज शरीफ की शर्तें मानेंगे? या टकराव और गहरा होकर संस्थागत संकट पैदा करेगा?
पाकिस्तान में सत्ता, सेना तनाव का नया अध्याय
CDF पद की नियुक्ति रुकने का असर पाकिस्तान की राजनीतिक और सुरक्षा संरचना दोनों पर पड़ रहा है. सेना की शीर्ष कमान में असमंजस की स्थिति बनी है. सरकार के भीतर शक्ति-संतुलन को लेकर मतभेद खुलकर सामने आ रहे हैं. विपक्ष इसे सरकार की कमजोरी और सेना पर निर्भरता के रूप में देख रहा है.
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