एयर इंडिया-स्पाइसजेट और अन्य को छोड़कर सिर्फ Indigo को क्यों आ रही समस्या? यात्रियों को हो रही परेशानी

    देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ दिनों से ऐसी परिचालन चुनौतियों में फंस गई है, जिसने हवाई यात्राओं को लगभग अवरुद्ध कर दिया है. अचानक शुरू हुई इस अव्यवस्था ने यात्रियों का पूरा शेड्यूल बिगाड़ दिया और सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़ आ गई.

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    Image Source: ANI

    देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ दिनों से ऐसी परिचालन चुनौतियों में फंस गई है, जिसने हवाई यात्राओं को लगभग अवरुद्ध कर दिया है. अचानक शुरू हुई इस अव्यवस्था ने यात्रियों का पूरा शेड्यूल बिगाड़ दिया और सोशल मीडिया पर शिकायतों की बाढ़ आ गई. 550 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का रद्द होना और दर्जनों उड़ानों के घंटों तक लेट रहने से हालात लगातार बिगड़ते गए.

    हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जैसे मुख्य एयरपोर्ट्स पर घंटों फंसे यात्रियों का गुस्सा अब खुले तौर पर सामने आ रहा है.कई यात्रियों ने बताया कि उन्हें "दो घंटे और" कहकर लगातार इंतज़ार करवाया गया, ताकि एयरलाइन पर ठहराने की जिम्मेदारी न आए.एक यात्री ने लिखा “हम 12 घंटे से ज्यादा समय से एयरपोर्ट पर हैं, लेकिन एयरलाइन कोई ठोस जवाब नहीं दे रही.”ऐसे अनुभवों ने भीड़, तनाव और गुस्से को और बढ़ा दिया.

    अचानक कैसे बिगड़ी इंडिगो की परिचालन व्यवस्था?

    इंडिगो ने इस व्यापक गड़बड़ी की वजह “अप्रत्याशित परिचालन चुनौतियों” को बताया जिनमें मौसम, तकनीकी दिक्कतें और सिस्टम लोड जैसी सामान्य दिक्कतें शामिल हैं.लेकिन असली संकट FDTL (Flight Duty Time Limitations) नियमों की वजह से पैदा हुआ, जिसे पिछले साल DGCA ने अपडेट किया था.

    नए FDTL नियमों ने बिगाड़ा पूरा रोस्टर, क्रू की कमी पड़ गई

    DGCA के नए नियमों के तहत फ्लाइट क्रू को अधिक आराम देने की अनिवार्यता की गई है.इसमें कई बड़े बदलाव शामिल हैं.हफ्ते में आराम का समय 36 से बढ़ाकर 48 घंटे,नाइट ड्यूटी विंडो 5 से बढ़कर 6 घंटे,नाइट ड्यूटी के बाद रेस्ट 10 से बढ़कर 12 घंटे, और एक हफ्ते में नाइट शिफ्ट्स की संख्या 6 से घटाकर सिर्फ़ 2 कर दी गई. इन बदलावों के बाद एयरलाइंस का पुराना शेड्यूल लगभग ध्वस्त हो गया. कई क्रू मेंबर तय समय पर ड्यूटी के लिए उपलब्ध नहीं रह पाए और इंडिगो जैसी कंपनी—जिसकी उड़ान संख्या सबसे ज्यादा है—सबसे ज़्यादा प्रभावित हुई.

    सबसे ज्यादा इंडिगो ही क्यों प्रभावित?

    इंडिगो रोजाना 2200 से ज्यादा उड़ानें ऑपरेट करती है, जो देश में किसी भी एयरलाइन से सबसे अधिक हैं.इसी वजह से 10–20% शेड्यूल में भी गड़बड़ी होने पर 200 400 उड़ानों की चेन प्रभावित हो जाती है, जिससे हजारों यात्री परेशानी में आ जाते हैं. इसके अलावा इंडिगो लो-कॉस्ट मॉडल पर चलती है, जहां ओवरनाइट ऑपरेशंस और कम डाउनटाइम इसकी रणनीति का अहम हिस्सा हैं. लेकिन DGCA के नए नियम इन दोनों आधारों को सीधे चुनौती देते हैं—जिस वजह से एयरलाइन की पूरी योजना अस्त-व्यस्त हो गई.

    पायलट एसोसिएशन ने कंपनी पर सवाल उठाए

    एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि इंडिगो समेत कई एयरलाइंस ने नए नियम लागू करने की उचित तैयारी समय रहते नहीं की.उनका दावा है कि कंपनियों को पर्याप्त समय मिला था, लेकिन रोस्टर बनाने में लापरवाही हुई.मैनेजमेंट ने क्रू की आवश्यकता का कम आकलन किया, जिसके कारण ड्यूटी अलॉटमेंट में भारी कमी पड़ गई.

    देशभर में उड़ानें रद्द, यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

    गुरुवार तक स्थिति लगातार खराब होती चली गई.दिल्ली में 172, मुंबई में 118, बेंगलुरु में 100, हैदराबाद में 75, कोलकाता में 35 और चेन्नई में 26 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.कुल मिलाकर 550 से अधिक फ्लाइट्स ग्राउंड पर रहीं, जिससे कई घंटों की देरी और कैंसलेशन का सिलसिला जारी रहा.

    कब सुधरेगी व्यवस्था?

    इंडिगो ने DGCA को बताया है कि वह 8 दिसंबर से उड़ानों की संख्या अस्थायी रूप से कम करेगी ताकि स्थिति को स्थिर किया जा सके.कंपनी ने अनुमान लगाया है कि परिचालन व्यवस्था 10 फरवरी 2026 तक सामान्य हो पाएगी.

    DGCA की सख्त बैठक, इंडिगो को देगा सुधार की छूट

    उड़ानों में आई इस अव्यवस्था पर DGCA ने इंडिगो के शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की.नियामक ने पाया कि FDTL नियमों के दूसरे चरण को लागू करने में कंपनी की प्लानिंग कमजोर रही और क्रू डिमांड का अनुमान सही तरीके से नहीं लगाया गया.

    इंडिगो की सफाई—“कुछ घंटों में स्थितियां सुधरेंगी”

    एयरलाइन ने बयान जारी कर यात्रियों से माफी मांगी है और कहा है कि ऑपरेशंस को स्थिर करने के लिए “कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट” किए जा रहे हैं. कंपनी के अनुसार टीमें 24 घंटे लगातार काम कर रही हैं ताकि उड़ानों में देरी और कैंसलेशन को कम किया जा सके.

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