ICGS Sarthak Chabahar Visit: ओमान की खाड़ी की लहरों के बीच बुधवार को भारतीय कोस्ट गार्ड का जहाज ICGS सार्थक चाबहार बंदरगाह पर पहुंचा. superficially इसे एक गुडविल विज़िट कहा जा रहा है, लेकिन कूटनीतिक गलियारों में इसे हिंद महासागर में भारत की बदलती और आक्रामक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. यह जहाज न केवल भारतीय व्यापारिक हितों की सुरक्षा करेगा, बल्कि पाकिस्तान और चीन को भी स्पष्ट संदेश भेज रहा है कि भारत अब अपनी रणनीतिक संपत्ति की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है.
दशकों तक पाकिस्तान ने अपनी भौगोलिक स्थिति का लाभ उठाकर भारत को अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुँचने से रोका. अब चाबहार के माध्यम से भारत ने स्वतंत्र व्यापार और लॉजिस्टिक कॉरिडोर बना लिया है. सार्थक की मौजूदगी यह दर्शाती है कि भारत पाकिस्तान के रास्ते पर निर्भर नहीं है. भारतीय माल सीधे मुंबई या कांडला से चाबहार भेजा जा सकता है और वहाँ से सड़क और रेल मार्ग के ज़रिए अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक पहुंचाया जा सकता है.
The Indian Coast Guard (ICG) Ship Sarthak, an Offshore Patrol Vessel, entered the strategic port of Chabahar, Islamic Republic of Iran, on 16 Dec 2025 as part of its ongoing overseas deployment to Gulf countries. The ship will remain in port till 19 Dec 2025.
— ANI (@ANI) December 17, 2025
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रणनीतिक और भू-राजनीतिक महत्व
चाबहार बंदरगाह, पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से केवल 72 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ग्वादर पर चीन-बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत काम कर रहा है, जिससे अरब सागर में उनकी रणनीतिक पैठ मजबूत हो रही थी. सार्थक की तैनाती ने इस इलाके में पावर बैलेंस को पूरी तरह बदल दिया. यह चीन और पाकिस्तान दोनों के लिए एक साफ संदेश है कि भारत अब हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति और हितों की रक्षा के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है.
साइलेंट गार्जियन का मिशन
आधिकारिक तौर पर सार्थक का मिशन ईरान के कोस्ट गार्ड और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ प्रोफेशनल रिलेशन स्थापित करना है. इसके साथ ही यह जहाज प्रदूषण नियंत्रण और खोज-बचाव (SAR) अभियानों में सहयोग कर रहा है. रक्षा विशेषज्ञ इसे ‘साइलेंट गार्जियन’ कहते हैं क्योंकि यह बिना शोर मचाए भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं को सुरक्षित रखता है.
मेक इन इंडिया और तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन
गोवा शिपयार्ड में निर्मित सार्थक आधुनिक रडार, नेविगेशन सिस्टम और प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों से लैस है. विदेशी बंदरगाह पर तैनाती केवल जहाज की मौजूदगी नहीं है, बल्कि यह भारत की तकनीकी और औद्योगिक क्षमता का भी प्रतीक है.
खेल बदल गया
सार्थक की चाबहार में मौजूदगी ने समंदर में भारत की रणनीति बदल दी है. अब देश सिर्फ अपनी सीमाओं की रक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि अपने वैश्विक हितों के लिए सक्रिय रूप से समुद्री क्षेत्र में कदम रख रहा है. पाकिस्तान की घेराबंदी और चीन की चुनौती के बीच, यह जहाज भारत की हिंद महासागर में बढ़ती भूमिका और प्रभाव का प्रतीक बन गया है.
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