VB-G RAM G Bill: लोकसभा में बुधवार को एक नया विधेयक पेश किया गया, जो 2005 में बनाए गए मनरेगा (MGNREGA) कानून की जगह लेगा. इसे सरकार ने VB-G RAM G बिल नाम दिया है. सत्ता पक्ष इसे ग्रामीण रोजगार और विकास के लिए एक नया कदम बता रहा है, जबकि विपक्ष ने इस नाम और संभावित प्रभाव को लेकर तीखा विरोध किया है.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिल पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने वाला है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा. वहीं, कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार पुराने ‘महात्मा गांधी ग्राम स्वराज’ वाले कानून को खत्म करके धार्मिक राजनीति का लाभ उठाने के इरादे से ‘जय श्रीराम’ वाली फिलॉसफी वाले नए कानून को ला रही है.
सुधार और बेहतर संसाधन प्रबंधन
भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि नए बिल के तहत संसाधनों का बेहतर उपयोग, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण और वास्तविक जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित होगा. सरकार ने यह भी भरोसा दिलाया कि रोजगार के दिन बढ़ाने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
मनरेगा (MGNREGA) क्या है?
मनरेगा यानी महात्मा गांधी नेशनल रूरल एम्प्लॉयमेंट गारंटी एक्ट ग्रामीण परिवारों को न्यूनतम 100 दिन की नौकरी गारंटीकृत करता है. यह दुनिया का सबसे बड़ा वर्क गारंटी प्रोग्राम है, जो अधिकार-आधारित फ्रेमवर्क के ज़रिए गरीबी और बेरोज़गारी से निपटता है. 2022-23 तक इसके तहत 15.4 करोड़ सक्रिय वर्कर्स थे, जिनमें कम से कम एक-तिहाई महिलाएं शामिल हैं.
MGNREGA का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि किसी भी ग्रामीण को काम मांगने के 15 दिनों के अंदर नौकरी मिलना कानूनी गारंटी के साथ तय है. अगर यह नहीं होता, तो बेरोज़गारी भत्ता दिया जाता है. कार्यों की योजना और क्रियान्वयन में पंचायती राज संस्थाओं (PRIs) की अहम भूमिका होती है, जिससे विकेंद्रीकरण और स्थानीय सहभागिता को मजबूती मिलती है.
नया बिल और भविष्य
सरकार का दावा है कि VB-G RAM G बिल पुराने कानून के लाभों को बरकरार रखते हुए उसे और अधिक सक्षम और जवाबदेह बनाएगा. वहीं विपक्ष इसे ग्रामीण रोजगार की गारंटी पर खतरा मान रहा है. आगामी छह घंटे की बहस में यह साफ हो जाएगा कि संसद में कितनी सहमति बनती है और क्या ग्रामीण रोजगार कानून में बड़ा बदलाव होगा.
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