Free Trade Agreement With EU: जहाँ एक ओर अमेरिका ने भारत पर भारी-भरकम टैरिफ लगाकर दबाव बनाने की कोशिश की, वहीं भारत अब एक बड़ा गेमचेंजर चाल चलने की तैयारी में है. आने वाले कुछ महीनों में भारत को ऐसा मौका मिलने जा रहा है, जिससे न केवल अमेरिका की कार्रवाई का करारा जवाब मिलेगा, बल्कि 135 अरब डॉलर का टैक्स-फ्री व्यापार करने का रास्ता भी खुल जाएगा.
यूरोपीय संघ (EU) के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता (FTA) अब अंतिम चरण में है और इस साल के अंत तक उस पर हस्ताक्षर होने की पूरी संभावना है. यह समझौता भारत को एक नई आर्थिक ऊंचाई पर ले जा सकता है.
FTA से खुलेंगे नए रास्ते, अमेरिका को मिलेगा जवाब
जब अमेरिका ने हाल ही में भारत पर 50% टैरिफ थोप दिया, तब कई आर्थिक विशेषज्ञों को चिंता थी कि भारत की निर्यात नीति पर इसका नकारात्मक असर पड़ेगा. लेकिन अब भारत ने उसका जवाब रणनीतिक सूझबूझ से देने की तैयारी कर ली है.
यूरोपीय संघ के साथ FTA पूरा होते ही भारत को 27 देशों के साथ बिना टैक्स के व्यापार करने की छूट मिल सकती है, और यह वो मौका है, जिसकी दुनिया को लंबे समय से प्रतीक्षा थी.
अगले एक महीने में दो अहम दौर की बातचीत
सूत्रों के मुताबिक, भारत और यूरोपीय संघ के बीच ‘मूल उत्पत्ति नियम’, बाजार पहुंच, और वाइन व डेयरी उत्पादों पर शुल्क जैसे अहम मुद्दों पर अंतिम सहमति बनाने के लिए अगले 30 दिनों में दो राउंड की उच्चस्तरीय बातचीत होने जा रही है. इन मुद्दों पर सहमति बनते ही दिसंबर तक समझौते पर हस्ताक्षर संभव हैं.
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार
आपको जानकर हैरानी होगी कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और EU के बीच व्यापार का आंकड़ा 135 अरब डॉलर रहा, जो चीन और अमेरिका के साथ भारत के व्यापार से भी अधिक है. ऐसे में FTA के बाद भारत के लिए अवसरों की बाढ़ आ सकती है.
इस डील से न सिर्फ आयात-निर्यात में सहजता आएगी, बल्कि यूरोप की टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और निवेश भारत के बाजार में बड़े पैमाने पर प्रवेश कर सकेगा.
कूटनीतिक लिहाज़ से अहम तारीख
17 सितंबर को यूरोपीय संघ भारत के साथ अपने नए रणनीतिक संबंधों की रूपरेखा सार्वजनिक करेगा. यह सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि राजनीतिक, रक्षा और सुरक्षा जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम होगा.
27 देशों से एकसाथ डील
सबसे बड़ी बात यह है कि यूरोपीय संघ के ये समझौते केवल ब्रसेल्स तक सीमित नहीं हैं. इसके तहत भारत को सभी 27 सदस्य देशों के साथ एकसाथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत करने का अवसर मिलेगा. यह वैश्विक कूटनीति और व्यापारिक संबंधों में भारत के उभरते प्रभाव का प्रमाण है.
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