हमास को ट्रंप की 'अंतिम चेतावनी', अगर नहीं मानी बात तो भुगतना होगा ये अंजाम!

    Israel Gaza War: गाज़ा में जारी तनावपूर्ण हालात के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास को अपनी अब तक की सबसे सख्त चेतावनी दे डाली है. रविवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए कहा कि अगर हमास अब भी बातचीत से पीछे हटा तो इसके 'गंभीर नतीजे' होंगे.

    Trump final warning to Hamas if they do not listen then they will have to face these consequences
    Image Source: ANI/ File/ Social Media

    Israel Gaza War: गाज़ा में जारी तनावपूर्ण हालात के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन हमास को अपनी अब तक की सबसे सख्त चेतावनी दे डाली है. रविवार को ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए कहा कि अगर हमास अब भी बातचीत से पीछे हटा तो इसके 'गंभीर नतीजे' होंगे.

    उनकी सीधी और स्पष्ट भाषा में कही गई बात, "यह मेरी आखिरी चेतावनी है, अब और कोई नहीं होगी!" साफ संकेत है कि वॉशिंगटन अब धैर्य की सीमाओं पर है और आने वाले समय में बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.

    नई शर्तें, नया प्रस्ताव, लेकिन समय सीमित

    ट्रंप द्वारा हमास के सामने रखा गया नया युद्धविराम प्रस्ताव फिलहाल सबसे मजबूत राजनयिक प्रयास माना जा रहा है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को दिए गए इस प्रस्ताव के तहत हमास को युद्धविराम के पहले ही दिन बचे हुए 48 बंधकों को रिहा करना होगा. बदले में, इज़राइल हजारों फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने पर सहमत होगा. इसी के साथ गाज़ा पट्टी में युद्ध समाप्त करने और स्थायी समाधान की बातचीत शुरू होगी.

    इज़राइल कर रहा है गंभीर मंथन

    इज़राइल के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि "हम ट्रंप के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं." वहीं, इज़राइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने रविवार को डेनमार्क के विदेश मंत्री के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "अगर हमास बंधकों को छोड़ता है और हथियार डालता है, तो गाज़ा में युद्ध खत्म हो सकता है."

    यह बयान उस समय आया है जब एक दिन पहले ही हमास ने अपने पुराने रुख को दोहराते हुए कहा था कि वह बंधकों को तब तक नहीं छोड़ेगा जब तक इज़राइल गाज़ा से पूरी तरह सेना नहीं हटाता और युद्ध समाप्त करने की ठोस गारंटी नहीं देता.

    क्या यह चेतावनी सिर्फ बयान है या कार्रवाई की तैयारी?

    ट्रंप की भाषा इस बार राजनीतिक कूटनीति से कहीं अधिक निर्णायक और सैन्य हस्तक्षेप जैसी सुनाई देती है. अमेरिकी विदेश नीति के जानकार मानते हैं कि यदि हमास ट्रंप के प्रस्ताव को ठुकराता है, तो अमेरिका इस क्षेत्र में अपनी भूमिका को और आक्रामक रूप में पेश कर सकता है. अतीत में अमेरिका ने मध्य-पूर्व में बार-बार हस्तक्षेप किया है, लेकिन इस बार ट्रंप का रुख बेहद स्पष्ट है, या तो समझौता हो, या कार्रवाई.

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