G-20 देशों में सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत, नहीं होगा टैरिफ का असर, देखें रिपोर्ट

    वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह G-20 में सबसे तेज़ गति से आगे बढ़ेगी.

    India will remain the fastest growing economy among G-20 countries
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ FreePik

    वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज़ ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की प्रमुख 20 अर्थव्यवस्थाओं के समूह G-20 में सबसे तेज़ गति से आगे बढ़ेगी. एजेंसी का अनुमान है कि 2027 तक भारत की वार्षिक GDP वृद्धि औसतन 6.5% के आसपास बनी रहेगी, जो G-20 देशों में सबसे ऊँची दर है.

    रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता, व्यापार विवाद और अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ के बावजूद भारत की आर्थिक बुनियाद मजबूत बनी हुई है.

    अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारत की मजबूती

    हाल के महीनों में अमेरिकी बाज़ार भारत के लिए चुनौतीपूर्ण रहा है. 50% तक के बढ़े हुए टैरिफ के कारण अमेरिका को भारतीय निर्यात में 11.9% की गिरावट दर्ज की गई. इसके बावजूद, भारतीय निर्यातकों ने एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के नए बाज़ारों में अपनी मौजूदगी बढ़ाई, जिसके चलते भारत का कुल निर्यात सितंबर में 6.75% बढ़ा.

    मूडीज़ का कहना है कि भारत के निर्यात में विविधता बढ़ रही है, पुराने पारंपरिक बाजारों के साथ नए क्षेत्रों में विस्तार ही भारत की बाधाओं को कम कर रहा है.

    मजबूत विकास दर के कारण

    मूडीज़ की ‘ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2026-27’ रिपोर्ट में कई ऐसे कारणों का उल्लेख किया गया है जो आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाएंगे:

    1. इंफ्रास्ट्रक्चर में बड़े पैमाने पर निवेश

    • भारत सरकार ने सड़क, रेल, बंदरगाह, डिजिटल नेटवर्क और ऊर्जा क्षेत्र में भारी निवेश किया है.
    • पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) में निरंतर वृद्धि निजी क्षेत्र को निवेश करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है.

    2. घरेलू उपभोक्ता मांग

    • बड़ी और युवा आबादी भारत का सबसे बड़ा आर्थिक आधार है.
    • बढ़ती आय और तेज़ी से फैलती शहरी अर्थव्यवस्था घरेलू खर्च को मजबूत बनाए रखती है.

    3. निर्यात बेस का विस्तार

    • दवा, मोबाइल निर्माण, ऑटो पार्ट्स, मशीनरी, टेक्नोलॉजी और सर्विस सेक्टर में भारतीय एक्सपोर्ट नई ऊँचाइयों पर हैं.
    • वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं (supply chains) में भारत की भूमिका बढ़ रही है.

    4. स्थिर आर्थिक नीतियाँ

    • ब्याज दरों, वित्तीय नियमों और विदेशी निवेश से जुड़े सुधारों ने भारत की आर्थिक साख बढ़ाई है.

    G-20 क्या है और क्यों महत्वपूर्ण है?

    G-20, जिसे "ग्रुप ऑफ ट्वेंटी" कहा जाता है, दुनिया के 19 देशों और यूरोपीय संघ (EU) का समूह है.

    यह मंच अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, व्यापार, मुद्रास्फीति, वित्तीय स्थिरता, जलवायु मुद्दे और विकास से जुड़े मसलों पर काम करता है.

    G-20 की खास बातें:

    • दुनिया की 85% GDP
    • वैश्विक व्यापार का लगभग 75%
    • विश्व की दो-तिहाई आबादी इसी समूह के देशों में रहती है

    सदस्य देश:

    अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ.

    1999 में गठित यह समूह 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के बाद और अधिक सक्रिय हुआ और आज यह दुनिया की सबसे प्रभावशाली आर्थिक चर्चाओं का मंच है.

    GDP क्या है और क्यों इतनी महत्वपूर्ण है?

    • GDP यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट, किसी भी देश की आर्थिक सेहत को समझने का सबसे बड़ा संकेतक है.
    • यह देश की सीमाओं के भीतर एक निश्चित अवधि में उत्पन्न हुए सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापता है.

    GDP की दो प्रमुख श्रेणियाँ:

    1. रियल GDP

    • इसे स्थिर कीमतों (Base Year) पर मापा जाता है.
    • भारत का वर्तमान बेस ईयर 2011-12 है.
    • वास्तविक आर्थिक वृद्धि को दिखाता है क्योंकि इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव शामिल नहीं होता.

    2. नॉमिनल GDP

    • मौजूदा बाजार कीमतों पर की गई गणना.
    • इसमें मुद्रास्फीति का प्रभाव भी शामिल होता है.

    GDP कैसे निकाली जाती है?

    GDP को समझने के लिए एक लोकप्रिय फॉर्मूला इस्तेमाल किया जाता है:

    GDP = C G I NX

    • C (प्राइवेट कंजम्प्शन): आम लोगों द्वारा किया जाने वाला खर्च
    • G (गवर्नमेंट स्पेंडिंग): सरकारी निवेश और खर्च
    • I (इन्वेस्टमेंट): उद्योग, बिजनेस और इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश
    • NX (नेट एक्सपोर्ट): कुल निर्यात – कुल आयात

    यदि निर्यात कम और आयात ज्यादा है, तो NX का मूल्य नकारात्मक होता है.

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