पाकिस्तान बॉर्डर पर कल हवाई अभ्यास करेगा भारत, जारी किया गया NOTAM, वायु सेना दिखाएगी अपनी ताकत

    भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया सुरक्षा परिदृश्य के बीच भारतीय वायुसेना आगामी 7 और 8 मई को राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक प्रमुख हवाई अभ्यास करने जा रही है. इस अभ्यास को लेकर ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी कर दिया गया है.

    India will conduct air exercise on Pakistan border tomorrow
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया सुरक्षा परिदृश्य के बीच भारतीय वायुसेना आगामी 7 और 8 मई को राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक प्रमुख हवाई अभ्यास करने जा रही है. इस अभ्यास को लेकर ‘नोटिस टू एयरमेन’ (NOTAM) जारी कर दिया गया है, जो दर्शाता है कि यह गतिविधि नियोजित और रणनीतिक योजना का हिस्सा है.

    क्या है NOTAM और इसका महत्व?

    NOTAM यानी Notice to Airmen वह आधिकारिक सूचना होती है, जिसके जरिए पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोल को किसी विशेष हवाई क्षेत्र में अस्थायी प्रतिबंधों या गतिविधियों की जानकारी दी जाती है. इस बार जारी NOTAM के अनुसार, हवाई क्षेत्र का उपयोग 7 मई को दोपहर 3:30 बजे से 8 मई की रात 9:30 बजे तक सीमित रहेगा.

    इस दौरान, भारतीय वायुसेना आधुनिक फाइटर जेट्स, सर्विलांस ड्रोन और अन्य सामरिक उपकरणों के साथ अभ्यास करेगी. इसका उद्देश्य केवल तकनीकी दक्षता की जांच नहीं बल्कि वास्तविक समय पर प्रतिक्रिया क्षमताओं का मूल्यांकन करना भी है.

    रणनीतिक संदर्भ में अभ्यास का महत्व

    हालिया सीमा पार घटनाओं और क्षेत्रीय तनावों को देखते हुए यह अभ्यास बेहद सामयिक माना जा रहा है. भले ही रक्षा मंत्रालय ने इसे नियमित प्रशिक्षण का हिस्सा बताया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे भारत की सामरिक सजगता और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का प्रदर्शन मान रहे हैं.

    इस अभ्यास से स्पष्ट संकेत जाता है कि भारतीय सशस्त्र बल हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी आकस्मिक स्थिति का सामना करने की पूर्व-तैयारी कर रहे हैं.

    देशव्यापी नागरिक सुरक्षा ड्रिल भी शामिल

    इसी कड़ी में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी एक बड़ा कदम उठाया है. 8 मई को देशभर के 250 से अधिक जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे गए निर्देशों के मुताबिक, यह अभ्यास आपातकालीन स्थितियों में नागरिकों और प्रशासन की सामूहिक प्रतिक्रिया की क्षमता को जांचने और मजबूत करने का माध्यम होगा.

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