'प्रोजेक्ट विष्णु', भारत की ये मिसाइल बनेगी पाकिस्तान के लिए काल! शहबाज-मुनीर क्या तुर्की की भी उड़ेगी नींद

    India's Project Vishnu: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए अपनी मिसाइल तकनीक का एक नया मुकाम हासिल किया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में अपनी अत्याधुनिक 'एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल' (ET-LDHCM) का सफल परीक्षण किया.

    India Project Vishnu Hypersonic Missile New Challange For Pakistan
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    India's Project Vishnu: भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता हासिल करते हुए अपनी मिसाइल तकनीक का एक नया मुकाम हासिल किया है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में अपनी अत्याधुनिक 'एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल' (ET-LDHCM) का सफल परीक्षण किया. यह मिसाइल ध्वनि की गति से आठ गुना तेज़ यानी मैक 8 की गति से उड़ान भर सकती है और 1,500 किलोमीटर तक के दुश्मन ठिकानों को निशाना बना सकती है. इस परीक्षण के साथ भारत ने रक्षा क्षेत्र में अपनी शक्ति का अहसास कराया है.

    'प्रोजेक्ट विष्णु' से तैयार हुई हाइपरसोनिक मिसाइल

    'प्रोजेक्ट विष्णु' के तहत विकसित यह मिसाइल भारतीय मिसाइल तकनीक की एक नई दिशा को दिखाती है. ब्रह्मोस, अग्नि, और आकाश जैसी मिसाइलों से कहीं अधिक उन्नत, ET-LDHCM एक स्क्रैमजेट इंजन तकनीक से लैस है, जो बिना पारंपरिक कंप्रेसर के वातावरण की ऑक्सीजन का उपयोग करके अपनी शक्ति उत्पन्न करता है. इसकी गति ब्रह्मोस (जो मैक 3 तक की गति हासिल कर सकती है) से तीन गुना अधिक है. यह मिसाइल 2,000 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान का सामना कर सकती है और 1,000 से 2,000 किलोग्राम तक के पारंपरिक और परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.

    ET-LDHCM की तकनीकी विशेषताएं

    इस मिसाइल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह जमीन, समुद्र और हवा तीनों प्लेटफार्मों से लॉन्च की जा सकती है. साथ ही, यह रडार से बचने और अपने लक्ष्य की दिशा बदलने की क्षमता रखती है, जिससे यह अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों जैसे कि S-500 और आयरन डोम को भी चुनौती दे सकती है. ET-LDHCM की अत्याधुनिक डिजाइन और तकनीकी खासियतें इसे एक घातक रणनीतिक हथियार बनाती हैं.

    भारत का नया मिसाइल प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रवेश

    इस परीक्षण के बाद भारत, अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के समान हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के मालिक देशों की सूची में शामिल हो गया है. यह परीक्षण भारत की रक्षा क्षमता को एक नया आयाम देने के साथ-साथ विशेष रूप से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव के समक्ष एक मजबूत जवाब भी माना जा रहा है.

    भारत की बढ़ती रक्षा ताकत

    भारत का यह परीक्षण ऐसे समय में हुआ है, जब दुनिया भर में भू-राजनीतिक तनाव अपने चरम पर हैं. इजरायल और ईरान के बीच तनाव, रूस और यूक्रेन का युद्ध, और भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में लगातार तनाव के बीच, भारत अपनी रक्षा तैयारियों को और भी मजबूत करने में लगा हुआ है. भारत ने ब्रह्मोस, अग्नि-5, और आकाश जैसी मिसाइलों को उन्नत करने के साथ-साथ नई पीढ़ी के घातक हथियारों के विकास पर भी जोर दिया है. खासकर तुर्की और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सैन्य नजदीकी और चीन के बढ़ते दबदबे के संदर्भ में, यह मिसाइल भारत की सैन्य शक्ति को और अधिक प्रभावशाली बनाती है.

    भारत ने इस सफल परीक्षण के साथ दुनिया को यह संदेश दिया है कि वह अपनी रक्षा तैयारियों को किसी भी कीमत पर और भी सशक्त बनाने के लिए तैयार है. ET-LDHCM के परीक्षण से भारत ने अपनी रणनीतिक स्थिति को और मजबूत किया है, और यह सुनिश्चित किया है कि वह वैश्विक स्तर पर रक्षा प्रौद्योगिकी में एक अहम खिलाड़ी बना रहेगा.

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