यूरोपीय देश भी भारतीय हथियारों की ताकत को मानने लगे हैं. शायद इसी वजह से भारतीय कंपनियों को तोपों, बंदूकों और कई खतरनाक हथियारों के ऑर्डर तेजी से मिल रहे हैं. भारत की अपनी हथियार बनाने वाली कंपनी भारत फोर्ज ने बताया कि यूरोप सहित कई देशों ने 100 तोपों का ऑर्डर दिया है, जिसमें 18 एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन (ATAGs) भी शामिल हैं. कंपनी के चेयरमैन बाबा कल्याणी ने इस बिक्री की पुष्टि की और कहा कि भारत फोर्ज का लक्ष्य दुनिया की सबसे बड़ी तोप बनाने वाली कंपनी बनना है. आपको बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने भी भारतीय हथियारों में दिलचस्पी दिखाई थी.
भारत की बनी तोपों में रुचि दिखा रही दुनिया
बाबा कल्याणी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हमने भारतीय सेना को सप्लाई करने से पहले ही यूरोप को तोपें भेजी हैं. पिछले साल हमने एक यूरोपीय देश को 100 तोपें दीं, जिनमें 18 ATAGs भी थीं." उन्होंने बताया कि दुनिया भर के कई देश भारत की बनी तोपों में रुचि दिखा रहे हैं. उनका कहना है कि भारत अब न सिर्फ अपने लिए तोपें बना रहा है, बल्कि यूरोपीय देशों को भी इन्हें बेचने में सफल हो गया है. इसे उन्होंने गर्व की बात बताया और कहा कि कंपनी को वैश्विक बाजार में बहुत सारे मौके दिख रहे हैं.
बाबा कल्याणी ने कहा कि उनकी कंपनी अल्ट्रालाइट आर्टिलरी गन (ULH) सहित हर तरह की तोपें बनाती है. उन्होंने बताया, "हम ऐसे टैंक बना रहे हैं जो चलते-फिरते गोलीबारी कर सकें." उनका कहना है कि वैश्विक बाजार भारत के लिए खुल रहा है और वे अमेरिकी सेना, फ्रांसीसी सेना, ब्रिटिश सेना और अन्य देशों की सेनाओं को हथियार देने के लिए बातचीत कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी माना कि यूक्रेन युद्ध की वजह से सप्लाई चेन में दिक्कतें आई हैं, जिससे प्रोडक्शन में परेशानी हो रही है. लेकिन इसकी वजह से कई देशों में हथियारों की कमी हो गई है और मांग बढ़ गई है.
ATAGs तोपों को DRDO ने डिजाइन किया
आपको बता दें कि ATAGs तोपों को DRDO ने डिजाइन किया है और भारत फोर्ज व टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स जैसी कंपनियां इनका निर्माण कर रही हैं. यह एक 155mm/52-कैलिबर की तोप है. सौदे के तहत भारत फोर्ज 60% तोपें बनाता है, जबकि टाटा 40% का उत्पादन करता है. एक ATAG की कीमत करीब 14 करोड़ रुपये है. यह तोप 48 किलोमीटर तक मार कर सकती है, और रैमजेट-प्रोपेल्ड गोले के साथ यह 78 किलोमीटर तक के लक्ष्य को नष्ट कर सकती है. इसे भारतीय सेना की लंबी दूरी की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए बनाया गया है. इसकी खासियत है कि यह बहुत सटीकता से निशाना लगाती है और इसे दुनिया की बेहतरीन तोपों के बराबर माना जाता है. साथ ही, इसे आसानी से ट्रांसपोर्ट और असेंबल किया जा सकता है, जिससे इसे पहाड़ों या मुश्किल जगहों पर भी इस्तेमाल करना आसान है.
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