इस्लामाबाद: भारत द्वारा हाल ही में लिए गए कुछ कड़े निर्णयों के बाद पाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों में बड़े बदलाव के संकेत दिए हैं. गुरुवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) की बैठक में पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों की समीक्षा और स्थगन पर विचार करने की घोषणा की, जिसमें ऐतिहासिक शिमला समझौता भी शामिल है.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भारत द्वारा सिंधु जल समझौते की समीक्षा समेत लिए गए पांच प्रमुख निर्णयों के बाद आई है. NCS ने भारत की इन नीतियों को “एकतरफा और अस्वीकार्य” बताया. साथ ही यह चेतावनी दी कि अगर भारत सिंधु जल की आपूर्ति को रोकने या उसका मार्ग बदलने का प्रयास करता है, तो इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ के रूप में देखा जाएगा.
एनसीएस बैठक में लिए गए प्रमुख फैसले:
सभी द्विपक्षीय समझौते स्थगित करने की संभावना:
पाकिस्तान ने स्पष्ट किया कि भारत के साथ बने सभी द्विपक्षीय समझौते, जिनमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है, की समीक्षा की जा रही है. यह समझौता 1971 के युद्ध के बाद हुआ था और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच शांति और द्विपक्षीय संवाद को प्रोत्साहित करना था.
सिंधु जल समझौते पर सख्त रुख:
पाकिस्तान ने भारत के सिंधु जल समझौते को एकतरफा स्थगित करने के कदम को खारिज करते हुए कहा कि यह समझौता एक अंतरराष्ट्रीय संधि है, जो वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता में हुआ था. पाकिस्तान ने चेताया कि जल प्रवाह को रोका जाना "युद्ध की कार्रवाई" के समकक्ष माना जाएगा.
वाघा बॉर्डर और वीज़ा सेवाएं:
पाकिस्तान ने वाघा बॉर्डर को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है. साथ ही SAARC वीजा योजना के अंतर्गत सभी भारतीय नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए गए हैं. केवल सिख तीर्थयात्रियों को अस्थायी छूट दी गई है.
राजनयिक संबंधों में कटौती:
भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना के सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया गया है और उन्हें पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दिया गया है. साथ ही इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की संख्या घटाकर 30 कर दी गई है.
व्यापार और एयरस्पेस प्रतिबंध:
भारत के साथ सभी प्रकार के व्यापारिक लेन-देन स्थगित कर दिए गए हैं, जिसमें तीसरे देशों के माध्यम से किया जाने वाला व्यापार भी शामिल है. इसके अतिरिक्त, भारतीय एयरलाइनों के लिए पाकिस्तान का एयरस्पेस भी बंद कर दिया गया है.
भारत और पाकिस्तान के बीच नया तनाव
भारत और पाकिस्तान के बीच यह ताजा तनाव एक बार फिर दोनों देशों के बीच दशकों पुराने मुद्दों को सतह पर ले आया है. शिमला समझौता, जो शांति की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल था, अब अनिश्चितता की स्थिति में है. वहीं सिंधु जल समझौता, जो दशकों से एक स्थायी जल वितरण प्रणाली के रूप में कार्य कर रहा था, अब कूटनीतिक खींचतान का केंद्र बन गया है.
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कदम दोनों देशों के बीच संवाद के पुलों को कमजोर कर सकते हैं. अब देखना यह होगा कि क्षेत्रीय स्थिरता और द्विपक्षीय रिश्तों के लिए आगे क्या रुख अपनाया जाता है.
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