IAS बनाने का झांसा देकर लाखों की ठगी! सुल्तानपुर में वकील समेत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज, ऐसे रची जालसाजी की स्क्रिप्ट

    पीड़ित प्रांजल त्रिपाठी ने 2022 में UPSC की प्रारंभिक परीक्षा दी थी. इस दौरान उसकी मुलाकात अधिवक्ता बजरंग द्विवेदी के बेटे प्रणव द्विवेदी से हुई. प्रणव ने धीरे-धीरे घर आना-जाना शुरू किया और परिवार का विश्वास जीत लिया. उसने दावा किया कि उसके संबंध केंद्रीय मंत्रियों तक हैं और वह कई लोगों को IAS व PCS बना चुका है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    Sultanpur News: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जो न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है, बल्कि यह भी बताता है कि कैसे कुछ शातिर ठग लोगों के सपनों को हथियार बनाकर उन्हें लूट लेते हैं. यहां एक अधिवक्ता और उसके बेटे ने IAS की नौकरी दिलाने के नाम पर एक परिवार से करोड़ों रुपये की ठगी की. पीड़ित ने एसपी से मुलाकात कर शिकायत की, जिसके बाद मामला थाने पहुंचा और केस दर्ज हुआ.

    ऐसे बना विश्वास का जाल

    पीड़ित प्रांजल त्रिपाठी ने 2022 में UPSC की प्रारंभिक परीक्षा दी थी. इस दौरान उसकी मुलाकात अधिवक्ता बजरंग द्विवेदी के बेटे प्रणव द्विवेदी से हुई. प्रणव ने धीरे-धीरे घर आना-जाना शुरू किया और परिवार का विश्वास जीत लिया. उसने दावा किया कि उसके संबंध केंद्रीय मंत्रियों तक हैं और वह कई लोगों को IAS व PCS बना चुका है.

    फर्जी दस्तावेज और फर्जी नियुक्ति पत्र

    18 जनवरी 2023 को प्रणव ने लखनऊ में प्रांजल को UPSC मेंस और इंटरव्यू का एडमिट कार्ड थमाया, जिसमें उसकी फोटो भी थी. उसने अलग-अलग खातों में 38 लाख रुपये से ज्यादा ट्रांसफर करवा लिए. इतना ही नहीं, अपने साथी राज मिश्रा के जरिये भारत सरकार की फर्जी मुहर वाला एक नियुक्ति पत्र भी दे दिया, जिस पर 22 जून 2023 की नियुक्ति तिथि दर्ज थी.

    ठगी का नेटवर्क और लेन-देन का जाल

    ठगी में बजरंग द्विवेदी, मनीष दूबे, श्रेयांश अग्रहरि, और दीपक पटेल जैसे कई नाम सामने आए हैं, जिनके खातों में बड़ी मात्रा में रकम भेजी गई. आरोपी ने प्रांजल से ट्रांजैक्शन स्टेटमेंट बनाने के नाम पर पैसे लेने की स्कीम बनाई, जिसमें वह कभी पैसों का बैग खुद लेने आता, तो कभी किसी पड़ोसी के माध्यम से मंगवाता. कई बार होटल में रुकवाया गया और देर रात तक पैसे मंगवाए जाते.

    डराने और धमकाने का भी किया प्रयास

    जब पीड़ित ने मामले को लेकर सवाल उठाए, तो प्रणव ने उन्हें धमकाते हुए कहा कि यदि उन्होंने पुलिस या मीडिया से संपर्क किया, तो मंत्री और उनके पुत्र परिवार को जान से मरवा देंगे. उसने एक फर्जी एग्रीमेंट भी बनवाया ताकि पैसे वापस न करने की लीगल ढाल तैयार की जा सके.

    ठगी के सबूत जुटाए, पुलिस में केस दर्ज

    प्रांजल ने चैट, स्क्रीनशॉट, कॉल रिकॉर्डिंग और बैंक स्टेटमेंट जुटाकर सुल्तानपुर के एसपी कुंवर अनुपम सिंह से शिकायत की. इसके बाद नगर कोतवाली में प्रणव द्विवेदी, बजरंग द्विवेदी सहित 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई.

    पुलिस जांच में जुटी

    अपर पुलिस अधीक्षक अखंड प्रताप सिंह के अनुसार, यह ठगी करीब 38 लाख रुपये की है. मामले की जांच की जा रही है. शुरुआती जांच में यह गिरोह नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर की गई ठगी प्रतीत होती है. साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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