Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में सोमवार शाम भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर के खेत में उतरने से हड़कंप मच गया. मीरगंज थाना क्षेत्र के बहरौली गांव और गोरा लोकनाथपुर के पास यह घटना घटित हुई, जब हेलीकॉप्टर ने तकनीकी खराबी के चलते इमरजेंसी लैंडिंग की. इस दुर्घटना में राहत की बात यह रही कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी वायुसैनिक पूरी तरह से सुरक्षित रहे.
खेत में उतरा हेलीकॉप्टर, ग्रामीणों में अफरा-तफरी
सोमवार की शाम को जब हेलीकॉप्टर ने आसमान में उड़ान भरी, तो पहले उसकी आवाज सामान्य सी सुनाई दी, लेकिन कुछ ही सेकंड में वह धीमी होती चली गई. ग्रामीणों का कहना था कि हेलीकॉप्टर बहुत नीचे आ रहा था और फिर अचानक वह खेत की ओर मुड़ते हुए गोरा लोकनाथपुर के पास एक बड़े खेत में उतर गया. हेलीकॉप्टर के उतरते ही आसपास के खेतों में काम कर रहे किसान दंग रह गए और दौड़ते हुए उस ओर भागे. कुछ ही देर में गांव के लोग भी मौके पर इकट्ठा हो गए, यह जानने के लिए कि आखिर हेलीकॉप्टर को खेत में उतरने की जरूरत क्यों पड़ी.
मौके पर पहुंची वायुसेना और पुलिस की टीम
घटना के बाद वायुसेना के जवानों ने तुरंत घटनास्थल को घेर लिया और ग्रामीणों को सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी. इसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची और स्थिति को संभालते हुए भीड़ को नियंत्रित किया. पुलिस ने सुरक्षा घेरे के अंदर आने से ग्रामीणों को मना किया, ताकि किसी भी तरह का हादसा न हो.
कुछ ही देर बाद बरेली एयरबेस से वायुसेना की तकनीकी टीम भी घटनास्थल पर पहुंची. टीम ने हेलीकॉप्टर की जांच शुरू की और तकनीकी खराबी का विश्लेषण किया. अधिकारियों के अनुसार, हेलीकॉप्टर में आई खराबी की विस्तृत जांच की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो उसे एयरबेस तक लाया जाएगा.
वायुसेना का बयान
वायुसेना के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप ने इस घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर एक नियमित प्रशिक्षण मिशन पर था, तभी अचानक तकनीकी समस्या महसूस हुई. वायुसैनिकों ने तत्परता दिखाते हुए सुरक्षित लैंडिंग का निर्णय लिया. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना में हेलीकॉप्टर को कोई नुकसान नहीं हुआ और न ही किसी ग्रामीण या वायुसैनिक को चोट आई है.
एक खतरनाक स्थिति में भी वायुसैनिकों की सूझबूझ
यह घटना यह साबित करती है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में भारतीय वायुसेना के जवान कितनी सूझबूझ से काम लेते हैं. हेलीकॉप्टर के तकनीकी खराबी के बावजूद, जवानों ने समय रहते और सावधानी से उसे सुरक्षित तरीके से उतार लिया, जिससे किसी प्रकार का बड़ा हादसा नहीं हुआ.
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