वॉशिंगटन/सना: अमेरिका और हूती विद्रोहियों के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में यमन में हूती लड़ाकों पर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों का वीडियो साझा किया. इस वीडियो के जरिए उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि अब अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाना हूतीयों के लिए असंभव होगा.
ट्रंप का सख्त संदेश: अब हमला नहीं करेंगे
राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ड्रोन फुटेज साझा किया, जिसमें एक क्षेत्र में भीड़ दिखाई देती है और फिर एक बड़ा विस्फोट होता है. इस पोस्ट के साथ उन्होंने लिखा, "ये हूती हमले की योजना बना रहे थे. उफ़, अब ये हमला नहीं करेंगे! वे हमारे जहाजों को फिर कभी नहीं डुबोएंगे!"
"These Houthis gathered for instructions on an attack. Oops, there will be no attack by these Houthis!
— The White House (@WhiteHouse) April 4, 2025
They will never sink our ships again!" –President Donald J. Trump 🇺🇸 pic.twitter.com/1RU6XQPDXI
हूतियों के बढ़ते हमले और अमेरिका की प्रतिक्रिया
नवंबर 2023 से जनवरी 2025 के बीच हूती लड़ाकों ने मिसाइलों और ड्रोन के जरिए 100 से अधिक हमले किए, जिनमें दो व्यापारिक जहाज डूब गए और चार नाविकों की मौत हो गई. जवाब में, अमेरिका ने 15 मार्च से हूती-नियंत्रित क्षेत्रों पर लगातार हवाई हमले शुरू किए.
ट्रंप ने दावा किया कि अमेरिकी हमलों से हूतियों की सैन्य क्षमताओं को गंभीर क्षति पहुंची है और उनके कई प्रमुख ठिकाने नष्ट हो चुके हैं. उन्होंने कहा, "हम लगातार हमले कर रहे हैं, उनकी ताकत तेजी से कम हो रही है."
हूती नेटवर्क पर आर्थिक प्रतिबंध
अमेरिकी सरकार ने हूतियों की आर्थिक मदद करने वाले व्यक्तियों और कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा, "ये प्रतिबंध उन संगठनों और व्यक्तियों पर लागू होंगे जो हूतियों के वैश्विक वित्तीय नेटवर्क का हिस्सा हैं."
क्या यह संघर्ष गाजा संकट से जुड़ा है?
कई विश्लेषकों का मानना है कि हौथी लड़ाके इजरायल-गाजा युद्ध से जुड़े घटनाक्रमों को आधार बनाकर अपने हमलों को जायज ठहराने की कोशिश कर रहे हैं. हूती नेताओं ने दावा किया है कि उनके हमले गाजा में जारी संघर्ष के खिलाफ प्रतिक्रिया स्वरूप हैं और वे पश्चिमी जहाजों को निशाना बनाकर इजरायल पर दबाव डालना चाहते हैं.
अमेरिकी सैन्य रणनीति का लीक होना
इस बीच, अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था में एक बड़ी गलती सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने गलती से एक पत्रकार को गुप्त सैन्य ग्रुप चैट में जोड़ दिया, जिसमें यमन पर अमेरिकी हमलों की रणनीति पर चर्चा चल रही थी. इस घटना के बाद व्हाइट हाउस में हलचल मच गई और अधिकारियों को सफाई देनी पड़ी.
क्या अमेरिका हमले जारी रखेगा?
राष्ट्रपति ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिकी हमले तब तक जारी रहेंगे जब तक हूती लड़ाके जहाजों पर हमले बंद नहीं करते. उन्होंने कहा, "अगर वे समुद्री रास्तों के लिए खतरा बने रहे, तो हमने अभी शुरुआत ही की है. असली कार्रवाई अभी बाकी है!"
यमन में जारी यह संघर्ष सिर्फ स्थानीय विवाद नहीं रह गया है, बल्कि इसके कारण मध्य-पूर्व में व्यापक सैन्य तनाव की स्थिति बन सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, अगर यह टकराव जारी रहता है, तो यह क्षेत्रीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा बन सकता है.
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