सावधान! भूलकर भी न लें ये पेनकिलर टैबलेट, केंद्र सरकार ने लगाया बैन, स्वास्थ्य के लिए बताया खतरा

    केंद्र सरकार ने हाल ही में पेन किलर दवा नाइमेसुलाइड के 100 mg से अधिक डोज की ओरल दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. यह फैसला स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और इसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य को खतरे से बचाना है.

    Government bans painkiller Nimesulide calling it a health hazard
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    नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने हाल ही में पेन किलर दवा नाइमेसुलाइड के 100 mg से अधिक डोज की ओरल दवाओं पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है. यह फैसला स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और इसका उद्देश्य लोगों के स्वास्थ्य को खतरे से बचाना है. ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत यह निर्णय लिया गया है, जिससे नाइमेसुलाइड की दवाओं का निर्माण, बिक्री और वितरण पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस दवा का अत्यधिक उपयोग सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है, खासकर जब इसका सेवन उच्च डोज़ में किया जाए.

    क्यों लिया गया यह फैसला?

    नाइमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (NSAID) है, जो आमतौर पर दर्द और सूजन को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है. हालांकि, इस दवा के साइड इफेक्ट्स और इसके लिवर पर बुरे प्रभाव को लेकर कई वैज्ञानिक शोध चल रहे हैं. 100 mg से अधिक की डोज का सेवन लिवर के लिए हानिकारक हो सकता है, और इसकी टॉक्सिसिटी को लेकर दुनिया भर में चिंता जताई जा रही है. भारत सरकार ने ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर इस दवा पर बैन लगाने का निर्णय लिया है.

    नाइमेसुलाइड का अत्यधिक सेवन और इसके दुष्प्रभाव

    इस दवा का अधिक सेवन करने से शरीर के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, खासकर लिवर और किडनी पर. डॉक्टरों का मानना है कि पेनकिलर दवाओं का अत्यधिक उपयोग लिवर की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है और इससे दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं. इसके अलावा, नाइमेसुलाइड जैसी दवाओं का लंबे समय तक सेवन करने से किडनी पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह सुझाव है कि पेनकिलर दवाओं का सेवन केवल डॉक्टर की सलाह पर और जरूरत पड़ने पर ही किया जाए.

    सुरक्षित दवाओं के विकल्प हैं उपलब्ध

    स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बाजार में नाइमेसुलाइड के सुरक्षित विकल्प उपलब्ध हैं, जो अधिक प्रभावी और कम हानिकारक हैं. ऐसे विकल्पों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, और नाइमेसुलाइड का सेवन केवल तब किया जाना चाहिए जब अन्य दवाइयाँ प्रभावी न हो. सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि लोग स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से सुरक्षित दवाओं का ही चयन करें.

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