अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर ट्रैफिक जाम और वीआईपी मूवमेंट आम नज़ारे हैं, लेकिन इस बार एक ऐसा वाकया सामने आया जिसने दुनिया भर का ध्यान खींचा. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मोटरकेड के चलते सड़क पर रुकना पड़ा. दिलचस्प बात यह रही कि मैक्रों ने इस स्थिति को न सिर्फ सहजता से लिया, बल्कि उसे कूटनीति का एक ज़रिया भी बना दिया.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण देने के बाद मैक्रों पैदल ही फ्रांस के मिशन की ओर रवाना हो रहे थे, लेकिन रास्ते में अमेरिकी राष्ट्रपति की मोटरकेड गुजरने वाली थी, जिससे पूरा इलाका पुलिस द्वारा ब्लॉक कर दिया गया था. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि मैक्रों, एक पुलिस अधिकारी से मुस्कुराते हुए कहते हैं. “अगर आप मोटरकेड नहीं देख रहे, तो मुझे जाने दीजिए… मैं आपसे नेगोशिएट करता हूं. पुलिसकर्मी विनम्रता से माफी मांगते हुए उन्हें बताता है कि सड़क पूरी तरह ‘फ्रीज़’ कर दी गई है.
फोन निकाला, ट्रंप को किया कॉल
मैक्रों ने बिना कोई परेशानी जताए जेब से फोन निकाला और सीधा राष्ट्रपति ट्रंप को कॉल कर दिया. हंसते हुए उन्होंने कहा “Guess what? मैं सड़क पर खड़ा हूं क्योंकि सब कुछ आपके लिए रुका है.”इस हल्के-फुल्के अंदाज़ में हुई बातचीत के बीच मैक्रों ने मौके का फायदा उठाते हुए ट्रंप से गाजा के हालात पर बात करने की इच्छा भी जाहिर की. उन्होंने कहा कि वे जल्द ही कतर जा रहे हैं और इस वीकेंड वे ट्रंप से इस मुद्दे पर छोटी सी चर्चा करना चाहेंगे.
Macron faced an embarrassing moment in New York when Trump’s convoy left him stuck and sidelined, forcing him to abandon his car and walk through the city to the French embassy from the UN, where he recognized Palestine as a sovereign nation, pic.twitter.com/Y56nMxz7Gu
— Bhavika Kapoor (@BhavikaKapoor5) September 23, 2025
कूटनीति भी, विनम्रता भी
यह घटनाक्रम भले ही दिखने में मज़ाकिया था, लेकिन इसके पीछे फ्रांस की गहरी कूटनीतिक मंशा छिपी थी. उसी दिन मैक्रों ने अपने UNGA भाषण में आधिकारिक रूप से फिलिस्तीन को मान्यता देने की घोषणा की थी. और फिर ट्रंप को कॉल कर गाजा मुद्दे पर बातचीत की पहल करना इस बात का संकेत था कि फ्रांस मध्य पूर्व में सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है. इस घटनाक्रम से यह भी स्पष्ट हुआ कि न्यूयॉर्क पुलिस के लिए भले ही मैक्रों एक आम पैदल राहगीर हों, लेकिन अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उनकी सीधी पहुंच और असर आज भी मजबूत है.
दुनिया को मिला हल्का पल, लेकिन गहरा संदेश
ट्रंप और मैक्रों की इस बातचीत से दुनिया को एक हल्का-फुल्का, मानवीय पल देखने को मिला — जहां दो राष्ट्राध्यक्ष आम शहरी जिंदगी की स्थिति का सामना कर रहे थे. मगर यह भी साफ हुआ कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर मैक्रों न केवल मुखर हैं, बल्कि अपनी बात पहुंचाने के लिए किसी भी मौके को गंवाते नहीं.
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