वॉरशिप, सबमरीन, बैलिस्टिक मिसाइल... रूस बढ़ा रहा है समंदर में अपनी ताकत, किस जंग की हो रही तैयारी?

    राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में 2050 तक के लिए एक दीर्घकालिक समुद्री रणनीति को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य रूस की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना और वैश्विक जलक्षेत्रों में अपने हितों की प्रभावी रक्षा सुनिश्चित करना है.

    For which war is Russia increasing its strength in the sea?
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    मॉस्को: बदलते वैश्विक परिदृश्य में रूस अपनी नौसेना को नई दिशा देने की तैयारी में है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हाल ही में 2050 तक के लिए एक दीर्घकालिक समुद्री रणनीति को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य रूस की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करना और वैश्विक जलक्षेत्रों में अपने हितों की प्रभावी रक्षा सुनिश्चित करना है.

    राष्ट्रपति के करीबी और मेरीटाइम बोर्ड के अध्यक्ष निकोलाई पेत्रुशेव ने इस रणनीति की जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह दस्तावेज रूस की वर्तमान नौसैनिक क्षमताओं, सैन्य खतरों के विकसित होते स्वरूप और विशेष सैन्य अभियानों से मिली सीख के आधार पर तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि “एक मजबूत और आधुनिक नौसेना का निर्माण वैश्विक समुद्री समीकरणों और संभावित सैन्य चुनौतियों को समझे बिना संभव नहीं है.”

    नई रणनीति के प्रमुख बिंदु

    पेत्रुशेव के अनुसार, इस दीर्घकालिक योजना में रूस ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य-राजनीतिक स्थिति, भविष्य के सशस्त्र संघर्षों की संभावनाओं और दुनिया की प्रमुख नौसेनाओं की क्षमताओं का विस्तार से विश्लेषण किया है.

    इस रणनीति में:

    • रूस की नौसेना के भविष्य की संरचना
    • शांति और युद्धकाल में समुद्री लक्ष्यों की प्राथमिकताएं
    • नौसेना के आधुनिकीकरण के मानक तय किए गए हैं.

    रूसी अधिकारियों का मानना है कि यह दस्तावेज यह स्पष्ट करता है कि “रूस को वैश्विक महासागरों में अपने रणनीतिक हितों की रक्षा के लिए किस प्रकार की नौसैनिक शक्ति की आवश्यकता है.”

    रूस की वर्तमान नौसैनिक शक्ति

    ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार:

    • रूस के पास वर्तमान में 79 पनडुब्बियां हैं, जिनमें 14 बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बियां शामिल हैं.
    • बेड़े में 222 युद्धपोत शामिल हैं.
    • रूस की समुद्री शक्ति का बड़ा हिस्सा उत्तरी बेड़े में केंद्रित है, जो बैरेंट्स सागर के सेवेरोमोर्स्क में स्थित है.
    • दुनिया की नौसेनाओं की रैंकिंग में रूस, अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है.

    चुनौतियों का भी सामना

    हालांकि रूस अपनी नौसेना को विस्तार देने की दिशा में अग्रसर है, लेकिन उसे यूक्रेन युद्ध के दौरान समुद्री मोर्चे पर कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा है.

    कुछ रिपोर्टों के अनुसार, युद्ध में रूस को अपने कई जहाजों और सैन्य प्रतिष्ठानों के नुकसान झेलने पड़े हैं. इसके बावजूद, रूस ने रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी की है, जो सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में शीत युद्ध के स्तर के करीब पहुंच चुका है.

    भविष्य में बड़ा निवेश

    रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अप्रैल 2025 में घोषणा की थी कि अगले दशक में नौसेना के विकास के लिए 8.4 ट्रिलियन रूबल (करीब 100.5 बिलियन डॉलर) का निवेश किया जाएगा. पुतिन ने कहा था कि बदलती वैश्विक स्थिति, समुद्री खतरों और तकनीकी बदलावों को ध्यान में रखते हुए रूस को अपनी नौसेना की “नई छवि” गढ़नी होगी.

    उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया कि रूस की सामरिक परमाणु पनडुब्बी बेड़े में 100% आधुनिक हथियार तैनात हैं और भविष्य में भी यह स्थिति बरकरार रखी जाएगी.

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