पेरिस: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने फ्रांस की धरती से दुनिया को भारत का मजबूत और बेबाक संदेश दिया है. यूरोप और अमेरिका की उम्मीदों के उलट, जयशंकर ने साफ कर दिया कि भारत रूस के खिलाफ कभी नहीं जाएगा. उन्होंने पश्चिमी देशों को दो टूक कहा कि भारत अपने पुराने दोस्त के साथ खड़ा रहेगा और किसी दबाव में आकर अपने फैसले नहीं बदलेगा.
फ्रांस के बड़े अखबार ला फिगारो को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा, "यूरोप का नजरिया अलग हो सकता है, लेकिन बाकी दुनिया इस युद्ध को अलग चश्मे से देखती है." भारत का साफ स्टैंड है कि यूक्रेन संकट का हल जंग से नहीं, बातचीत से निकलेगा.
भारत दबाव से नहीं, दोस्ती से चलता है
जयशंकर ने दोहराया कि भारत तटस्थ है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि भारत किसी दबाव में फैसले करेगा. भारत ने यूक्रेन और रूस, दोनों को मानवीय सहायता दी है. विदेश मंत्री ने कहा, "दुनिया के बड़े हिस्से- अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, प्रशांत देशों की अर्थव्यवस्था इस युद्ध से बुरी तरह प्रभावित हुई है. लोग शांति चाहते हैं. हम ग्लोबल साउथ की आवाज हैं."
आतंकवाद का खात्मा करेंगे, चाहे कहीं भी हों
जयशंकर ने पाकिस्तान को भी सीधे निशाने पर लिया. उन्होंने साफ कहा, "भारत-पाक के विवाद की जड़ सिर्फ आतंकवाद है. पाकिस्तान आज भी आतंकवादियों को पनाह देता है."
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए जयशंकर ने पाकिस्तान को चेतावनी दी, "अगर कोई भारत पर हमला करता है, तो हम उन्हें पाकिस्तान या दुनिया के किसी भी कोने से ढूंढ निकालेंगे."
आतंकवाद पर दोहरा रवैया नहीं चलेगा
जब चीन द्वारा पाकिस्तान को मिल रहे समर्थन का सवाल उठा, तो जयशंकर ने कहा, "आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर कोई दोहरी नीति बर्दाश्त नहीं की जा सकती." उनका इशारा साफ था- चीन को आतंकवाद के मुद्दे पर अपना स्टैंड बदलना होगा.
अमेरिका को लेकर क्या कहा?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति पर बात करते हुए जयशंकर ने कहा, "भारत और अमेरिका के रिश्ते लगातार मजबूत हुए हैं, चाहे सरकार किसी की भी हो." उन्होंने बताया कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर सकारात्मक बातचीत चल रही है, और जुलाई से पहले एक डील होने की उम्मीद है.
जयशंकर ने ट्रंप के समय शुरू हुए क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया का समूह) को भी अहम बताया और कहा, "अमेरिका अपने फायदे के हिसाब से चलता है, और अगर मैं उनकी जगह होता, तो मैं भी वही करता."
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