Farrukhabad News: शादी का दिन हर किसी के जीवन का सबसे खास और खुशी से भरा दिन होता है, लेकिन फर्रुखाबाद के नवाबगंज क्षेत्र में एक शादी के दौरान ऐसा कुछ हुआ, जिसने सभी को हैरान कर दिया. दूल्हे के लंगड़ाकर चलने पर दुल्हन पक्ष ने शादी से इन्कार कर दिया और पूरी बारात को बिना दुल्हन के लौटना पड़ा. यह मामला अब गांव में चर्चा का विषय बन चुका है, और लोगों के बीच इस घटना को लेकर काफी बहस हो रही है.
जब कलेवा के वक्त दूल्हे की लंगड़ाहट बनी समस्या
शादी की सभी रस्में धूमधाम से चल रही थीं और जब कलेवा (भोजन) का समय आया, तो दूल्हा धीरे-धीरे चलकर खाने की जगह की ओर बढ़ा. लेकिन, उसकी लंगड़ाकर चलने की आदत ने एक नया मोड़ ले लिया. दुल्हन पक्ष की महिलाओं ने इसे देखा और तुरंत आपस में इस पर चर्चा करने लगीं. कुछ ही मिनटों में यह बात नाराजगी में बदल गई और दुल्हन पक्ष का कहना था कि यह बात पहले से छिपाई गई थी, जबकि उन्हें दुल्हे की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानने का हक था. उनका यह भी कहना था कि किसी भी प्रकार की शारीरिक समस्या को छुपाकर शादी करना गलत है, क्योंकि यह लड़की के भविष्य के लिए एक बड़ा जोखिम हो सकता है.
दूल्हे के परिवार की सफाई, लेकिन नहीं माना दुल्हन पक्ष
दूल्हे के परिवार ने तुरंत स्थिति को संभालने की कोशिश की. उनके पिता और बड़े बुजुर्गों ने समझाया कि दूल्हे को हाल ही में एक चोट लगी थी, जिसके कारण वह थोड़ी लंगड़ाकर चल रहा था, और यह कोई स्थायी समस्या नहीं है. उनका कहना था कि डॉक्टर ने भी यही बताया था कि यह चोट जल्दी ठीक हो जाएगी. हालांकि, दुल्हन पक्ष ने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया. उनका तर्क था कि शादी से पहले यह जानकारी दी जानी चाहिए थी, ताकि वे बेहतर निर्णय ले सकें. इस पर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी शुरू हो गई और मामला पुलिस तक पहुंच गया.
थाने में हुई पंचायत: दोनों पक्षों की जिद
विवाद बढ़ता गया और पुलिस की मदद ली गई. थाने में दोनों पक्षों के बीच कई घंटों तक बातचीत होती रही. पुलिस और गांव के कुछ सम्मानित लोग ने दूल्हे की चोट को हल्का करके समझाने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन पक्ष अपनी जिद पर अड़ा रहा. उन्होंने साफ कह दिया कि वे अपनी बेटी का भविष्य दांव पर नहीं लगाना चाहते और इसलिए शादी से इंकार करते हैं. इस दौरान दोनों पक्षों के रिश्तेदारों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और मामला गहराता चला गया.
सगाई के जेवर लौटाए, फिर भी शादी नहीं हुई
दुल्हन पक्ष ने अंततः अपनी बात पर जोर देते हुए सगाई के दौरान दिए गए जेवर और कपड़े वापस कर दिए, ताकि कोई भविष्य में आरोप न लगा सके. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कह दिया कि बिना सच्चाई बताने के इस शादी को स्वीकार नहीं किया जा सकता. दूल्हे के परिवार ने मेडिकल प्रमाण देने की कोशिश की, लेकिन दुल्हन पक्ष के रिश्तेदारों ने इसे भी नकार दिया.
बिना दुल्हन के वापस लौटी बारात
कई घंटों की बातचीत और पुलिस की कोशिशों के बावजूद जब कोई हल नहीं निकला, तो अंत में दूल्हे और उसकी बारात को बिना दुल्हन के गेस्ट हाउस से वापस लौटना पड़ा. यह घटना गांव में छाई हुई है और लोग इस पर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. कुछ लोग इसे छोटी सी गलतफहमी मानते हैं, जबकि कुछ इसे रिश्तों में बढ़ती असंवेदनशीलता और संदेह का नतीजा मानते हैं.
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