न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के छात्र नेता पर फेंके गए अंडे, यूनुस के खिलाफ भी हुई नारेबाजी, देखें Video

    संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका पहुँचे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को न्यूयॉर्क में विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा.

    Eggs thrown at Bangladeshi student leader in New York
    Image Source: Social Media

    न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका पहुँचे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर और नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को न्यूयॉर्क में विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. यह विरोध प्रदर्शन उस समय शुरू हुआ जब यूनुस का काफिला JFK इंटरनेशनल एयरपोर्ट से बाहर निकल रहा था.

    शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग के समर्थकों और प्रवासी कार्यकर्ताओं ने यूनुस के काफिले का घेराव किया और उनके साथ चल रहे छात्र नेता अख्तर हुसैन पर अंडे फेंके. प्रदर्शनकारियों ने अख्तर को 'आतंकी' करार दिया और यूनुस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की.

    अख्तर हुसैन: छात्र आंदोलन का चर्चित चेहरा

    अख्तर हुसैन बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव के उस छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता थे, जिसने 2024 के मध्य में पूरे देश में उबाल ला दिया था. जुलाई 2024 में देशभर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से शुरू हुआ यह आंदोलन जल्द ही राष्ट्रीय रंग ले बैठा, जिससे प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता डगमगा गई. आंदोलन इतना तीव्र था कि हसीना को 5 अगस्त 2024 को इस्तीफा देना पड़ा और बाद में उन्होंने भारत में शरण ली.

    इस घटनाक्रम के बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मोहम्मद यूनुस की अगुआई में बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया, जो 2026 में संभावित आम चुनावों की निगरानी कर रही है. चूंकि अख्तर हुसैन ने शेख हसीना के शासन के खिलाफ निर्णायक भूमिका निभाई, इसलिए अवामी लीग के समर्थक उन्हें एक राजनीतिक दुश्मन के तौर पर देखते हैं.

    अंडे फेंकने की घटना हुई कैमरे में कैद

    न्यूयॉर्क एयरपोर्ट के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन की वीडियो क्लिप्स सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं, जिनमें देखा जा सकता है कि कैसे प्रदर्शनकारी अख्तर हुसैन पर अंडे फेंकते हुए उन्हें 'आतंकी' कहते हैं. इन वीडियोज़ में यूनुस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ताओं का गुस्सा साफ देखा जा सकता है.

    हालांकि यूनुस के साथ उस समय मौजूद अन्य बांग्लादेशी राजनेताओं जैसे कि BNP (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर और जमात-ए-इस्लामी के कुछ वरिष्ठ नेता को इस विरोध का सीधा निशाना नहीं बनाया गया. विरोध की मुख्य धारा विशेष रूप से यूनुस और अख्तर हुसैन की ओर केंद्रित रही.

    तनाव की जड़ें और यूनुस की भूमिका

    नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस, जो कि ‘ग्रामीण बैंक’ (Grameen Bank) के संस्थापक भी हैं, बांग्लादेश में सामाजिक विकास और आर्थिक सशक्तिकरण के प्रतीक माने जाते रहे हैं. हालाँकि, उनके राजनीतिक हस्तक्षेप और विशेष रूप से अंतरिम सरकार में प्रमुख भूमिका को लेकर हसीना समर्थक वर्ग उन्हें एक “पश्चिमी समर्थन प्राप्त राजनीतिक एजेंडा” के वाहक के रूप में देखता है.

    अवामी लीग का मानना है कि यूनुस को अंतरराष्ट्रीय समर्थन प्राप्त है और वह बांग्लादेश की राजनीति में 'पीछे के दरवाजे से सत्ता' हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. यही कारण है कि उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान विरोध ने जोर पकड़ा.

    यूनुस की कूटनीतिक मुलाकातें

    प्रदर्शन के बीच, प्रो. यूनुस ने न्यूयॉर्क में अमेरिका के दक्षिण एशिया मामलों के विशेष दूत सर्जियो गोर और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत से औपचारिक मुलाकात की. इस मुलाकात में उन्होंने बांग्लादेश की आगामी चुनाव प्रक्रिया, क्षेत्रीय स्थिरता और मानवीय संकटों पर चर्चा की.

    यूनुस ने अमेरिका को भरोसा दिलाया कि फरवरी 2026 से पहले देश में स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण आम चुनाव कराए जाएंगे. उन्होंने अमेरिका से अपील की कि वह बांग्लादेश में रह रहे 10 लाख से अधिक रोहिंग्या शरणार्थियों की सहायता के लिए अपनी मानवीय मदद जारी रखे.

    इसके अलावा, दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक सहयोग, सार्क (SAARC) को फिर से सक्रिय करने, और दक्षिण एशियाई देशों के आपसी संबंधों को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई.

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