पाकिस्तान के परमाणु ठिकाने तक पहुंचा ड्रोन, लाहौर समेत 12 स्थानों पर अटैक; नेवी बेस पर भी हमला

    पाकिस्तान में ड्रोन अटैक का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. लाहौर में हुए धमाकों के बाद अब कराची से भी विस्फोट की खबरें आ रही हैं.

    Drone reaches Pakistan nuclear facility explosions at 6 places including Lahore
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    पाकिस्तान में ड्रोन अटैक का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. लाहौर में हुए धमाकों के बाद अब कराची से भी विस्फोट की खबरें आ रही हैं. माना जाता है कि कराची, जो पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी है, देश के सबसे सुरक्षित और संवेदनशील इलाकों में एक है—लेकिन यहां भी ड्रोन के जरिए हमला होना, पाकिस्तान के सुरक्षा तंत्र पर गहरे सवाल खड़े कर रहा है.

    पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कराची में ड्रोन के जरिए विस्फोट हुआ है, जिसके बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. सेना ने तत्काल पूरे क्षेत्र को सील कर अपने नियंत्रण में ले लिया है. गौर करने वाली बात ये है कि कराची वही इलाका है, जहां पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का भंडारण बताया जाता है. ऐसे में यहां ड्रोन हमला होना एक बड़ी सुरक्षा चूक मानी जा रही है. इसके अलावा पाकिस्तान के नेवी बेस पर भी हमले की सूचना मिल रही है.

    एक के बाद एक शहरों में धमाके

    कराची अकेला शहर नहीं है जहां हमला हुआ हो. लाहौर, चकवाल, घोटकी, गूजरांवाला और उमरकोट जैसे शहरों से भी ड्रोन ब्लास्ट की खबरें सामने आ रही हैं. अब तक कुल 12 धमाके हो चुके हैं, जिनमें से तीन सिर्फ लाहौर में हुए हैं. लाहौर के एक सैन्य ठिकाने के पास भी ड्रोन ब्लास्ट की पुष्टि हुई है. इन हमलों ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम की कमजोरी को उजागर कर दिया है.

    वायुसेना की 'तारीफ' के तुरंत बाद हमला

    हैरानी की बात यह है कि इन हमलों के महज कुछ घंटे पहले ही पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने संसद में अपनी वायुसेना की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि “पाक वायुसेना दुश्मन के हर हमले का डटकर मुकाबला कर रही है.” मगर, उसी दिन शाम होते-होते कराची समेत आधा दर्जन शहर ड्रोन ब्लास्ट से दहल उठे. इस बीच, वायुसेना प्रमुख की सेना प्रमुख असीम मुनीर से मुलाकात ने अटकलों को और हवा दी है.

    जवाबदेही और चुप्पी—दोनों खतरनाक

    इन हमलों की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है, और पाकिस्तान सरकार की ओर से भी कोई ठोस बयान नहीं आया है कि ये ड्रोन कहां से आए, किसने भेजे, और कैसे उनकी भनक तक नहीं लगी. इससे पाकिस्तान की खुफिया और सैन्य एजेंसियों की दक्षता पर गंभीर सवाल उठते हैं.