‘गोविंद चले आते हैं…’,अब सिंगर अवतार में नजर आएंगे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री, गूंजेगा भक्ति गीत

    बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अब सिर्फ कथा वाचक या धर्मगुरु के रूप में नहीं, बल्कि एक भजन गायक के रूप में भी अपने भक्तों के बीच नजर आने वाले हैं. उनका पहला भक्ति गीत जल्द ही रिलीज होने जा रहा है.

    Dhirendra Krishna Shastri will relase new album song
    Image Source: Social Media

    बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अब सिर्फ कथा वाचक या धर्मगुरु के रूप में नहीं, बल्कि एक भजन गायक के रूप में भी अपने भक्तों के बीच नजर आने वाले हैं. उनका पहला भक्ति गीत जल्द ही रिलीज होने जा रहा है, जिसकी झलक सोशल मीडिया पर सामने आ चुकी है.

    ‘गोविंद चले आते हैं…’ नामक इस भजन में बाबा धीरेंद्र भावपूर्ण अंदाज़ में सुरों से भक्ति का संचार करते दिख रहे हैं. वीडियो में वे प्रोफेशनल रिकॉर्डिंग स्टूडियो में गायन करते नजर आ रहे हैं. खास बात यह रही कि इस रिकॉर्डिंग के दौरान भोजपुरी गायक और बीजेपी सांसद मनोज तिवारी अपनी पत्नी सुरभि तिवारी के साथ वहां मौजूद रहे और बाबा का उत्साह बढ़ाया.

    गुरु पूर्णिमा को लेकर बाबा की विशेष अपील

    धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस बार गुरु पूर्णिमा पर अपने अनुयायियों से विनम्र निवेदन किया था कि भीड़भाड़ और कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए, इस वर्ष चरण पादुका पूजन अपने-अपने घरों में ही करें. बाबा का मानना था कि इससे श्रद्धा भी बनी रहेगी और समाजिक व्यवस्था भी.

    धार्मिक यात्राओं से वैश्विक मंच पर पहुंचा बागेश्वर धाम

    हाल ही में धीरेंद्र शास्त्री ने तीन देशों की यात्रा की, जिसमें फिजी, ऑस्ट्रेलिया और अन्य स्थान शामिल रहे. ऑस्ट्रेलिया में भव्य कथा के बाद वे फिजी के नाडी शहर पहुंचे, जहां तीन दिवसीय हनुमंत कथा का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में स्थानीय भारतीय समुदाय की भारी भागीदारी देखी गई. फिजी की राजधानी सूबा में भी उन्होंने प्रवचन दिए और नाग मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया. इन आयोजनों के माध्यम से उन्होंने न सिर्फ सनातन धर्म का प्रचार किया, बल्कि भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाई.

    हिंदू जागरण का संदेश

    धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री केवल धर्म प्रचार तक सीमित नहीं हैं. वे देशभर में हिंदू क्रांति अभियान के तहत समाज को जागरूक कर रहे हैं. उनका स्पष्ट कहना है कि यह लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष की नहीं, बल्कि पूरे सनातन समाज की आत्मा की लड़ाई है. उनके शब्दों में, “हम किसी से बैर नहीं रखते, लेकिन अपने धर्म, संस्कृति और राष्ट्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं. भारत को हिंदू राष्ट्र बनाना हमारा संकल्प है.”

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