जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया की आशंका से पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. जहां एक ओर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को हर प्रकार की जवाबी कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान ने संभावित सैन्य कार्रवाई की आशंका में अपनी सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रख दिया है. सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी गई है और युद्धाभ्यास तेज़ हो गए हैं.
पाकिस्तान का दावा: "भारत 24 से 36 घंटे में हमला कर सकता है"
मंगलवार रात को पाकिस्तान के सूचना मंत्री ने अचानक बयान जारी कर कहा कि भारत अगले 24 से 36 घंटे के भीतर सैन्य कार्रवाई कर सकता है. इस बयान ने पाकिस्तान की घबराहट को उजागर कर दिया. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी कहा कि पाकिस्तान किसी भी घुसपैठ से निपटने के लिए तैयार है.
LOC के पास सैन्य जमावड़ा, एयर डिफेंस सिस्टम सक्रिय
रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LOC) से सटे इलाकों में प्रमुख वायु रक्षा प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर यूनिट्स और लंबी दूरी की रॉकेट सिस्टम को अग्रिम मोर्चों पर तैनात कर दिया है. फिरोजपुर, सियालकोट और लाहौर जैसे संवेदनशील इलाकों में रेडार नेटवर्क को मजबूत किया गया है ताकि भारतीय गतिविधियों की निगरानी रखी जा सके.
पीओके में सेना की भारी हलचल
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के बाग, रावलकोट और टोली पीर जैसे इलाकों में पाकिस्तान की 6वीं बख्तरबंद डिवीजन और 7वीं इन्फैंट्री डिवीजन की गतिविधियों में तेजी देखी गई है. इन डिवीजनों की तैनाती असामान्य मानी जा रही है क्योंकि सामान्यतः इनका बेस गुजरांवाला और पंजाब सीमा क्षेत्र में होता है.
इन इलाकों में चीनी-निर्मित A-100 मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर (MBRL) और KRL-122 रॉकेट सिस्टम भी तैनात किए गए हैं, जिनकी मारक क्षमता क्रमशः 100 किमी और 40 किमी बताई जाती है.
पाक वायुसेना की सक्रियता चरम पर
पाकिस्तान एयरफोर्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है. रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस को F-16C लड़ाकू विमानों और अन्य रणनीतिक संसाधनों से सुसज्जित किया गया है. स्कार्दू एयरबेस पर भी चीन निर्मित JF-17 जेट्स की तैनाती की गई है. ये संकेत देते हैं कि पाकिस्तान किसी भी भारतीय कार्रवाई के लिए व्यापक तैयारी कर रहा है.
सेना को खुली छूट, पीएम का कड़ा रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में स्पष्ट कर दिया कि भारत आतंकवादी हमलों को बर्दाश्त नहीं करेगा. पीएम ने कहा, “आतंकवाद को करारा जवाब देना हमारा राष्ट्रीय संकल्प है,” और सेना को कार्रवाई की रणनीति, समय और साधन चुनने की पूरी छूट दी.
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