कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिससे पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल फैल गया. जहां भारत इस हमले को सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का नतीजा मान रहा है, वहीं पाकिस्तान की तरफ से कुछ चौंकाने वाले और आपत्तिजनक बयान सामने आए हैं. खासकर पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी के, जिन्होंने भारत की सेना और मीडिया दोनों को ही कटघरे में खड़ा कर दिया.
मीडिया को “बॉलीवुड बना दिया तुमने”
पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल समा टीवी से बात करते हुए शाहिद अफरीदी ने कहा कि "मुझे हैरत होती है कि हमले के एक घंटे के अंदर ही उनका मीडिया बॉलीवुड बन गया. खुदा के लिए, हर चीज़ को फिल्म मत बनाओ. मैं तो इसका मजा ले रहा था, जिस तरह की बातें वहां की मीडिया कर रही थी." इतना ही नहीं, उन्होंने भारतीय सेना की क्षमता पर सवाल उठाते हुए कहा "8 लाख की फौज है तुम्हारे पास कश्मीर में, और फिर भी ये हमला हो गया? इसका मतलब तुम नालायक हो, सिक्योरिटी तक नहीं दे सके आम लोगों को."
भारत से 'सबूत' मांगते अफरीदी
अफरीदी ने इस घटना पर एक वीडियो जारी कर भारत से सबूत की मांग की है. उन्होंने कहा कि भारत को यह साबित करना चाहिए कि इस हमले में पाकिस्तान का हाथ था, बजाय सीधे तौर पर आरोप लगाने के. वहीं जहां अफरीदी के बयान आलोचना का विषय बने, वहीं पाकिस्तान के ही पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर पाकिस्तानी सरकार और प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि "अगर पाकिस्तान की इस हमले में कोई भूमिका नहीं है, तो आपके प्रधानमंत्री ने अभी तक इसकी निंदा क्यों नहीं की?" कनेरिया ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की सेना का हाई अलर्ट पर जाना इस बात की ओर इशारा करता है कि "वो अंदर से सच्चाई जानते हैं. आतंकवादियों को पनाह दे रहे हैं और पाल रहे हैं." उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को इस पर "शर्म आनी चाहिए."
क्या कहता है ये घटनाक्रम?
जहां एक ओर भारत आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर समर्थन जुटा रहा है, वहीं पाकिस्तान की ओर से आई चुप्पी और कुछ चर्चित चेहरों की भड़काऊ टिप्पणियां, इस लड़ाई को केवल भौगोलिक ही नहीं, बल्कि वैचारिक भी बना रही हैं. अफरीदी जैसे लोकप्रिय चेहरों की टिप्पणियों का असर केवल टीवी चैनलों या सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह दोनों देशों के आम नागरिकों के बीच भावनात्मक तनाव को भी बढ़ाता है.
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