इस्लामाबाद: कोरोना वायरस भले ही अब पहले जितना घातक न रहा हो, लेकिन यह पूरी तरह खत्म भी नहीं हुआ है. पाकिस्तान और भारत समेत एशिया के कई देशों में एक बार फिर कोरोना मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. हालात अभी नियंत्रण में हैं, मगर विशेषज्ञों की मानें तो यह लहर खास तौर पर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए चिंता का कारण बन सकती है.
पाकिस्तान में 4 मरीजों की मौत
पाकिस्तान के कराची शहर में पिछले एक सप्ताह के भीतर कोरोना से चार लोगों की जान जा चुकी है. ये सभी मरीज पहले से गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे और उनकी उम्र भी अधिक थी. मौतें कराची के प्रतिष्ठित आगा खान यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में दर्ज की गई हैं, जहां बीते कुछ दिनों से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
डॉ. जावेद खान, जो कराची में श्वसन रोगों के विशेषज्ञ हैं, ने जानकारी दी कि रोजाना औसतन 8 से 10 नए कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं. सिंध की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. आजरा पेचुहो ने भी हालात पर नजर बनाए रखने की बात कही है, हालांकि उन्होंने फिलहाल किसी बड़े खतरे से इनकार किया है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) के अनुसार, टेस्टिंग की संख्या कम होने के बावजूद 10-20% सैंपल पॉजिटिव निकल रहे हैं, जो इशारा करते हैं कि वायरस अभी भी सक्रिय है.
भारत में भी मिले नए मामले
भारत में 257 नए कोरोना मामलों की पुष्टि हुई है. इनमें सबसे अधिक मामले केरल (95), तमिलनाडु (66) और महाराष्ट्र (56) से सामने आए हैं. मुंबई में कोरोना से दो मौतें भी हुई हैं. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है.
इस बार की लहर के पीछे ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट JN.1 माना जा रहा है. इसके अलावा इसके उप-प्रकार LF.7 और NB.1.8 भी कुछ क्षेत्रों में देखे जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित कर रखा है.
JN.1: तेजी से फैलने वाला
JN.1 दरअसल ओमिक्रॉन के BA.2.86 का म्यूटेशन है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में पहचाना गया था. इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं, जिनकी वजह से यह मानव शरीर की इम्यूनिटी को प्रभावित करता है. हालांकि, इसका असर गंभीर नहीं माना जा रहा है.
लक्षणों में शामिल हैं:
डॉक्टरों का कहना है कि अगर लक्षण एक हफ्ते से ज्यादा समय तक बने रहते हैं, तो यह "लॉन्ग कोविड" की स्थिति हो सकती है.
एशिया भर में फिर बढ़ रहे केस
पाकिस्तान और भारत ही नहीं, एशिया के कई देशों में कोरोना के मामलों में उछाल देखा गया है:
सिंगापुर: 13 मई तक 14,200 केस
थाईलैंड: 17 मई तक 33,030 नए मामले
हॉन्गकॉन्ग: 10 मई तक 1,042 केस
यह वृद्धि धीरे-धीरे हो रही है, लेकिन स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हैं और टेस्टिंग तथा निगरानी बढ़ाई जा रही है.
क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों की सलाह है कि ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और पहले से बीमार लोगों को:
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