सस्ते हो सकते हैं कपड़े, जूते, टूथपेस्ट और बर्तन, सरकार GST स्लैब 12% से घटाकर 5% करेगी, जानें डिटेल

    मिडिल-क्लास और आम घरों के बजट को राहत देने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है.

    Clothes shoes toothpaste and utensils may become cheaper
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    नई दिल्ली: मिडिल-क्लास और आम घरों के बजट को राहत देने के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है. टूथपेस्ट, कपड़े, बर्तन, जूते जैसे रोज़मर्रा के इस्तेमाल की चीज़ें जल्द ही सस्ती हो सकती हैं, क्योंकि इन पर लगने वाला GST टैक्स 12% से घटाकर 5% किया जा सकता है.

    सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार GST ढांचे में बदलाव पर विचार कर रही है, जिसमें 12% टैक्स स्लैब को खत्म कर जरूरी सामानों को 5% स्लैब में लाने की योजना है. इसका सीधा फायदा उन परिवारों को होगा जो अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए इन सामानों पर निर्भर हैं.

    इन आइटम्स पर लगता है 12 % GST-

    राहत के साथ-साथ अर्थव्यवस्था को भी मिलेगा फायदा

    सरकार का मानना है कि टैक्स घटने से इन वस्तुओं की कीमतों में कमी आएगी, जिससे आम उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ हल्का होगा और बाज़ार में खपत बढ़ेगी. इससे न सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को सपोर्ट मिलेगा, बल्कि GST कलेक्शन में भी लंबी अवधि में बढ़ोतरी हो सकती है.

    हालांकि इस राहत के बदले सरकार को शुरुआती तौर पर 40,000 से 50,000 करोड़ रुपए के राजस्व में गिरावट झेलनी पड़ सकती है, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार है.

    GST काउंसिल की अगली बैठक में हो सकता है फैसला

    GST दरों में बदलाव का फैसला GST काउंसिल के ज़रिए होता है, जिसमें सभी राज्यों की सहमति ज़रूरी होती है. फिलहाल पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्य इस बदलाव को लेकर संशय में हैं. हालांकि, उम्मीद की जा रही है कि इस पर चर्चा इस महीने के आखिर में होने वाली 56वीं GST काउंसिल बैठक में होगी.

    GST काउंसिल की बैठक के लिए कम से कम 15 दिन पहले नोटिस दिया जाना होता है. ऐसे में अगर सहमति बनती है, तो आम लोगों के लिए राहत भरी घोषणा जल्द हो सकती है.

    सरकार की सोच: टैक्स से जनता को राहत

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संकेत दिया था कि सरकार GST ढांचे को सरल बनाने और आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स घटाने पर गंभीरता से विचार कर रही है. अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह इस साल के इनकम टैक्स छूटों के बाद मिडिल-क्लास के लिए एक और बड़ी राहत होगी.

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