बीजिंग: चीन की राजनीति और कूटनीति के गलियारों में उस वक्त सनसनी फैल गई जब यह खबर आई कि चीन के वरिष्ठ और प्रभावशाली राजनयिक लियू जियानचाओ को हाल ही में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. माना जा रहा था कि लियू जियानचाओ देश के अगले विदेश मंत्री बनाए जा सकते हैं, लेकिन अब उनकी हिरासत से उनके राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान लग गया है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, लियू जियानचाओ को जुलाई के अंत में एक अंतरराष्ट्रीय यात्रा से बीजिंग लौटते ही हिरासत में लिया गया. इस खबर ने चीन की सत्ता के उच्च स्तरों में हलचल मचा दी है. हालांकि चीनी अधिकारियों की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. चीन की राज्य परिषद सूचना कार्यालय और कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय संपर्क विभाग ने इस मामले पर टिप्पणी करने से साफ इनकार कर दिया है.
कौन हैं लियू जियानचाओ?
61 वर्षीय लियू जियानचाओ, वर्तमान में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अंतर्राष्ट्रीय संपर्क विभाग (ICD) का नेतृत्व कर रहे हैं, जो विदेशी राजनीतिक दलों से संबंध बनाए रखने का कार्य करता है. इस पद पर रहते हुए उन्होंने 20 से अधिक देशों की यात्रा की है और 160 से अधिक देशों के नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात कर चीन के कूटनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाया है.
विदेश नीति और कूटनीति में उनके योगदान और बढ़ते प्रभाव को देखते हुए उन्हें चीन के वर्तमान विदेश मंत्री वांग यी का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था. वांग यी ने विदेश मंत्री के रूप में दो बार कार्यभार संभाला है, हाल ही में उन्होंने क्विन गैंग की जगह दोबारा यह पद संभाला था, जिनका कार्यकाल कई विवादों से घिरा रहा.
विदेश नीति के उभरते सितारे
लियू का करियर एक सधे हुए, पेशेवर राजनयिक का रहा है. उन्होंने बीजिंग फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में स्नातक की डिग्री ली और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में उच्च शिक्षा प्राप्त की. अपने करियर की शुरुआत उन्होंने विदेश मंत्रालय में एक अनुवादक के रूप में की थी, लेकिन अपनी योग्यता और समझदारी के बल पर वह धीरे-धीरे शीर्ष पदों तक पहुंचे.
ब्रिटेन में चीन के मिशन में काम करने के बाद, उन्होंने इंडोनेशिया और फिलीपींस जैसे देशों में बतौर राजदूत सेवाएं दीं. इसके अलावा, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में भी उन्होंने अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई. अपने साफ, बेबाक और कभी-कभी व्यंग्यपूर्ण उत्तरों के लिए वे काफी चर्चा में रहते थे और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चीन की छवि को धार देने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई.
क्या है गिरफ्तारी की वजह?
लियू की अचानक हुई हिरासत के पीछे कारणों पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कई विश्लेषक इसे एक बड़ी और गहन जांच की शुरुआत मान रहे हैं. कुछ सूत्रों का मानना है कि यह हिरासत चीन की सत्ताधारी व्यवस्था में पनप रही आंतरिक राजनीति और विश्वास की चुनौतियों का संकेत हो सकती है.
इससे पहले 2023 में भी चीन ने अपने पूर्व विदेश मंत्री और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के करीबी माने जाने वाले क्विन गैंग को पद से हटा दिया था. उस समय भी अफवाहें थीं कि क्विन का नाम एक विदेशी महिला के साथ संबंधों से जुड़े विवादों में आया था.
अब जब लियू जियानचाओ जैसे अनुभवी और सुलझे हुए राजनयिक पर सवाल उठ रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि चीन की विदेश नीति और राजनीतिक नेतृत्व के भीतर कुछ बहुत बड़ा चल रहा है, जिसकी झलक बाहर आने लगी है.
चीन की चुप्पी और विश्व की उत्सुकता
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे संवेदनशील और उच्च स्तर के घटनाक्रम पर चीन सरकार की चुप्पी वैश्विक कूटनीतिक हलकों में चिंता और जिज्ञासा दोनों का कारण बन गई है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह जानने के लिए उत्सुक है कि आखिरकार इस हिरासत के पीछे क्या कारण है और इसका असर चीन की विदेश नीति और वैश्विक रिश्तों पर कितना गहरा पड़ सकता है.
लियू जियानचाओ का अचानक गायब हो जाना, और फिर हिरासत की खबर, इस बात का संकेत है कि चीन की सत्ता संरचना में पारदर्शिता की अभी भी भारी कमी है.
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