दुनिया में अपने गोपनीय परमाणु कार्यक्रम के लिए पहचाने जाने वाले चीन ने पहली बार अपने परमाणु जखीरे से जुड़ी एक बड़ी जानकारी सार्वजनिक की है. आमतौर पर अपनी सैन्य क्षमताओं को गुप्त रखने वाला चीन इस बार खुद सामने आया और अपनी शक्तिशाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) DF-5 की खासियतों का खुलासा कर सबको चौंका दिया है.
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब सिंगापुर में हाल ही में संपन्न 2025 शांगरी-ला डायलॉग के दौरान अमेरिका ने चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर सख्त रुख अपनाया. इस सम्मेलन में अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और ताइवान पर किसी भी चीनी हमले का जवाब कड़ा होगा.
अमेरिका ने दी थी चीन को सीधी चेतावनी
शांगरी-ला सम्मेलन में अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने चीन का नाम कई बार लेते हुए बीजिंग को कड़ी चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि अगर चीन ताइवान पर बलपूर्वक कब्जा करने की कोशिश करता है तो इसका असर पूरे इंडो-पैसिफिक और वैश्विक स्थिरता पर पड़ेगा. हेगसेथ ने यह भी कहा कि अमेरिका पश्चिमी देशों में भी चीन के प्रभाव को सीमित करने की दिशा में सक्रिय है, खासकर पनामा नहर जैसे रणनीतिक स्थानों पर.
DF-5 मिसाइल की ताकत क्या है?
ऐसा माना जा रहा है कि चीन ने DF-5 मिसाइल की जानकारी सार्वजनिक कर अमेरिका को यह दिखाने की कोशिश की है कि वह अपनी रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है.
DF-5 की विशेषताएं:
अधिकतम रेंज: 12,000 किलोमीटर
सटीकता: 500 मीटर के भीतर
लंबाई: 32.6 मीटर
वजन: 183 टन
परमाणु वारहेड: 3 से 4 मेगाटन TNT क्षमता वाला
एक वारहेड की शक्ति: हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बम से लगभग 200 गुना ज्यादा विनाशकारी. DF-5 को 1970 के दशक में विकसित किया गया था और इसे 1981 में सैन्य सेवा में शामिल किया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि इस मिसाइल ने चीन को दुनिया में एक विश्वसनीय परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
क्यों खास है DF-5?
DF-5 चीन की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल है जो साइलो आधारित है, यानी इसे भूमिगत सुरंगों से लॉन्च किया जाता है. यह मिसाइल इतनी ताकतवर है कि यह अमेरिका की मुख्य भूमि और पश्चिमी यूरोप में किसी भी बड़े शहर को निशाना बना सकती है.
इसके बाद चीन ने DF-5B विकसित की, जिसमें MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल) तकनीक है, जिससे एक ही मिसाइल कई परमाणु वारहेड्स छोड़ सकती है, जो अलग-अलग जगहों पर निशाना साध सकते हैं. बाद में इसका और उन्नत संस्करण DF-5C सामने आया, जो 10 परमाणु वारहेड्स एक साथ ले जाने में सक्षम है.
चीन का इशारा किस ओर?
विशेषज्ञों का मानना है कि चीन का यह कदम अमेरिका के हालिया कड़े बयानों का प्रत्यक्ष जवाब है. यह चीन की एक तरह से शक्ति प्रदर्शन की रणनीति भी हो सकती है ताकि वैश्विक मंच पर यह संदेश जाए कि चीन न केवल तैयार है, बल्कि अपनी परमाणु क्षमता को भी दिखाने से अब पीछे नहीं हटेगा.
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