नेपीता: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सेना और विद्रोही समूहों के बीच जारी संघर्ष एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है. पहली बार, म्यांमार के एक सशस्त्र विद्रोही समूह ने सेना का एक फाइटर जेट मार गिराने का दावा किया है. यह घटना सागाइंग क्षेत्र के मिन ताइंग पिन गांव के पास हुई, जो पिछले कई महीनों से हिंसा और सैन्य अभियानों का केंद्र रहा है.
विद्रोहियों का बड़ा दावा
म्यांमार की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के अनुसार, इस सैन्य जेट को उस समय गिराया गया जब सेना के दो फाइटर प्लेन इलाके में बमबारी कर लौट रहे थे. PLA की प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने जमीन से भारी मशीन गन के जरिए विमान को निशाना बनाया. PLA ने इसे अपनी अब तक की सबसे बड़ी सैन्य सफलता बताया है.
विद्रोहियों द्वारा साझा किए गए वीडियो और तस्वीरों में एक जलते हुए विमान का मलबा और हथियारबंद विद्रोही जश्न मनाते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि इन स्वतंत्र स्रोतों से इन तस्वीरों की पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है.
सेना का अलग दावा
म्यांमार की सैन्य सरकार ने विद्रोहियों के इस दावे को खारिज किया है. सेना के अनुसार, यह विमान तकनीकी खराबी की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुआ और यह एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान थी. सेना ने गोलीबारी से इंजन फेल होने की बात को सिरे से नकारा है.
हालांकि, स्थानीय नागरिकों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने विमान को गोली लगते और फिर आग की लपटों में गिरते हुए देखा. इस घटना ने सेना के बयान पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
सागाइंग क्षेत्र क्यों है महत्वपूर्ण?
जहां यह घटना हुई, वह म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र का मिन ताइंग पिन गांव है, जो लंबे समय से सैन्य कार्रवाई और प्रतिरोध का मुख्य केंद्र बना हुआ है. यह वही इलाका है जहां पहले भी सेना द्वारा हवाई बमबारी, गांवों में आगजनी और नागरिकों की हत्याएं रिपोर्ट की गई हैं.
इस क्षेत्र में विद्रोहियों की बढ़ती सक्रियता म्यांमार की सेना के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है.
म्यांमार का संकट: पृष्ठभूमि
म्यांमार में फरवरी 2021 में सेना द्वारा लोकतांत्रिक सरकार को हटाए जाने के बाद से देश में व्यापक विरोध और संघर्ष शुरू हो गया था. सेना के खिलाफ कई छात्र संगठन, स्थानीय मिलिशिया, आदिवासी गुट और नागरिक अब एकजुट होकर सशस्त्र संघर्ष कर रहे हैं.
सेना के पास जहां रूस और चीन से प्राप्त आधुनिक हथियार, फाइटर जेट और ड्रोन हैं, वहीं विद्रोही सीमित संसाधनों और पारंपरिक हथियारों से लड़ाई लड़ रहे हैं. इसके बावजूद, विद्रोहियों ने अब म्यांमार सेना की वायु शक्ति को सीधी चुनौती दी है, जो संघर्ष के संतुलन में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है.
क्षेत्रीय सुरक्षा पर असर
म्यांमार में तेजी से बिगड़ते हालात भारत समेत सभी पड़ोसी देशों के लिए चिंता का विषय हैं. भारत के पूर्वोत्तर राज्यों से सटी सीमा पर म्यांमार के भीतर संघर्ष के कारण सुरक्षा, शरणार्थी संकट और सीमा पार अपराधों का जोखिम बढ़ गया है.
अभी यह देखना होगा कि क्या यह घटना म्यांमार के आंतरिक संघर्ष को और व्यापक बना देगी या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर म्यांमार की सैन्य सरकार पर दबाव बढ़ाएगी.
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