Cheat On Your Partner: प्यार में वफ़ादारी एक बुनियादी उम्मीद होती है. लेकिन जब यह भरोसा टूटता है, तो दर्द सिर्फ निजी नहीं रहता, यह कानूनी लड़ाई में भी बदल जाता है. हाल ही में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट के वायरल वीडियो ने न सिर्फ एक टेक CEO की ज़िंदगी पलट दी, बल्कि इंटरनेट पर एक नई बहस छेड़ दी कि जब पार्टनर धोखा दे, तो क्या गुजारा भत्ता मिलेगा या नहीं? यह सवाल सिर्फ एक कपल की निजी कहानी तक सीमित नहीं है. इससे जुड़े कानूनी पहलुओं ने भारत में भी लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बेवफाई के बाद रिश्तों की राहें कैसे तय होती हैं, कोर्टरूम में.
क्या है पूरा मामला?
Coldplay के एक लाइव कॉन्सर्ट में “किस कैम” पर एक क्लिप वायरल हुई जिसमें Astronomer कंपनी के CEO एंडी बायरन अपनी HR हेड क्रिस्टिन कैबॉट को किस करते नजर आए. मामला तब बड़ा बना जब एंडी की पत्नी मेगन केरिगन ने सोशल मीडिया प्रोफाइल से ‘बायरन’ सरनेम हटा दिया. कंपनी के बोर्ड ने एंडी से इस्तीफा ले लिया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम ने इंटरनेट पर एक नया शब्द गढ़ दिया, #ColdplayGate.
भारत में गुजारा भत्ता: क्या कहता है कानून?
अब बात भारत की. जब रिश्ता टूटने की कगार पर हो, और एक पक्ष खुद को ठगा महसूस करे तो क्या कानून उसके साथ होता है? भारत में गुजारा भत्ता (Alimony) और तलाक से जुड़े मुख्य प्रावधान हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के सेक्शन 24 और 25 में दर्ज हैं. इसके अलावा स्पेशल मैरिज एक्ट, पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट, और अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), 2023 की धारा 144 भी इस विषय में गाइड करती है. ध्यान देने वाली बात ये है कि भले ही सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में व्यभिचार (Adultery) को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया हो, पर यह अब भी तलाक का वैध आधार माना जाता है.
अफेयर साबित हो जाए तो क्या गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा?
अगर पति का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर अदालत में साबित हो जाए, तो आमतौर पर अदालतें पत्नी के पक्ष में निर्णय देती हैं. गुजारा भत्ता पति की कुल आय का लगभग एक-तिहाई हो सकता है. अगर शादी लंबी चली हो, बच्चे पत्नी के साथ हों, तो राशि और ज्यादा हो सकती है. लेकिन यह राशि फिक्स नहीं होती, और केस दर केस कोर्ट तय करता है.
क्या पत्नी के धोखे पर उसे गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा?
अगर पत्नी किसी और से संबंध में है और ये साबित हो जाता है, तो सेक्शन 25(3) के तहत कोर्ट उसे स्थायी गुजारा भत्ता देने से इनकार कर सकती है. हालांकि केवल शक या अफवाह के आधार पर उसका अधिकार नहीं छीना जा सकता, इसके लिए पुख्ता सबूत जरूरी होते हैं. फिर भी, अगर पत्नी आर्थिक रूप से कमजोर है, तो कोर्ट अस्थायी भत्ता (Interim Maintenance) देने का आदेश दे सकती है.
संपत्ति का बंटवारा
भारत में तलाक के वक्त संपत्ति का बंटवारा पश्चिमी देशों की तरह 50-50 के अनुपात में नहीं होता. यहां देखा जाता है कि संपत्ति का मालिक कौन है? किसने कितना योगदान दिया? साझा प्रॉपर्टी में ही पार्टनर को हिस्सा मिल सकता है.
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