Pahalgam Attack: कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को लेकर सख्त प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं. अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक टैंक अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के वरिष्ठ फेलो माइकल रुबिन ने इस मुद्दे पर तीखा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को आतंक की जड़ करार दिया है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर, ओसामा बिन लादेन जैसे आतंकियों से अलग नहीं हैं—फर्क बस इतना है कि "लादेन गुफा में छिपा था और मुनीर महल में बैठा है."
पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करने की मांग
रुबिन ने साफ कहा है कि अब वक्त आ गया है जब अमेरिका को पाकिस्तान को एक आधिकारिक रूप से आतंकी देश घोषित कर देना चाहिए. उनका मानना है कि पाकिस्तान वर्षों से आतंकवाद को पाल-पोस रहा है और अब उसके खिलाफ ठोस वैश्विक कार्रवाई जरूरी है. उन्होंने असीम मुनीर को "ग्लोबल टेररिस्ट" घोषित करने की वकालत करते हुए कहा कि यह केवल भारत का मुद्दा नहीं, बल्कि वैश्विक सुरक्षा का सवाल है.
एक पूर्व-नियोजित साजिश?
माइकल रुबिन का कहना है कि पहलगाम में हुआ हमला किसी भी रूप में आकस्मिक नहीं था, बल्कि यह पूरी तरह साजिश के तहत अंजाम दिया गया. उन्होंने इस घटना की तुलना 2000 में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले से की. उनका आरोप है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर वाइस प्रेसिडेंट जेडी वेंस के भारत दौरे का फोकस हटाने के लिए इस हमले की पटकथा लिखी.
लिपस्टिक लगाकर साजिश नहीं छुपती
रुबिन ने सख्त लहजे में कहा, “इस हमले को अचानक या अप्रत्याशित बताना उस सच्चाई से मुंह मोड़ना है, जिसे पूरी दुनिया देख रही है. यह उसी तरह है जैसे सूअर को लिपस्टिक लगाकर सुंदर बताने की कोशिश की जाए.” उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि हमले के पीछे सीधे तौर पर असीम मुनीर और पाकिस्तानी सेना की भूमिका है.
भारत के कड़े कदम और आगे की राह
भारत सरकार ने हमले के बाद कई निर्णायक फैसले लिए हैं. इसमें सिंधु जल समझौते को निरस्त करना और अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद करना शामिल है. इसके अलावा, पाकिस्तान के नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश भी दिया गया है. यह पहली बार है जब भारत ने आतंकी हमले के बाद इतने तीव्र और व्यापक स्तर पर जवाबी कार्रवाई की है.
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