ब्रह्मोस,आकाश... चीनी तकनीकों को भारत ने कैसे पछाड़ा? अमेरिकी एक्सपर्ट ने पाकिस्तान की खोली पोल

    भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, रुद्रम एंटी-रेडिएशन मिसाइल और AI-युक्त ड्रोन जैसे अत्याधुनिक स्वदेशी हथियारों का प्रयोग किया.

    Brahmos Akash How India beat Chinese technology Pakistan
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    वाशिंगटनः 6 और 7 मई की रात भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सैन्य संघर्ष अब सिर्फ एक सीमित सीमा झड़प नहीं रहा — यह एशिया के दो प्रमुख हथियार निर्माताओं, भारत और चीन, के बीच अप्रत्यक्ष मुकाबले का प्रतीक बन गया है. कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. इस संघर्ष में एक दिलचस्प पहलू यह रहा कि पाकिस्तान ने अधिकांशत: चीनी हथियारों का इस्तेमाल किया, जबकि भारत ने अपने 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत विकसित स्वदेशी तकनीकों से मोर्चा संभाला.

    भारतीय तकनीक का लोहा माना गया

    इस सैन्य ऑपरेशन में भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस सिस्टम, रुद्रम एंटी-रेडिएशन मिसाइल और AI-युक्त ड्रोन जैसे अत्याधुनिक स्वदेशी हथियारों का प्रयोग किया. इन हथियारों ने न केवल सटीक लक्ष्य साधे, बल्कि पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली को भी निष्क्रिय कर दिया, जो मुख्यतः चीन निर्मित HQ-9 डिफेंस सिस्टम पर आधारित थी.

    ब्रह्मोस, जो भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, ने आतंकियों के ठिकानों को अभूतपूर्व सटीकता से नष्ट किया. इससे न केवल भारत की सैन्य ताकत को वैश्विक मान्यता मिली, बल्कि वैश्विक रक्षा बाजारों में भी ब्रह्मोस की मांग में तेजी आने की संभावना जताई जा रही है.

    अमेरिकी विशेषज्ञों की सराहना

    अमेरिकी सैन्य रणनीतिकार जॉन स्पेंसर ने इस ऑपरेशन को भारत की सैन्य आत्मनिर्भरता की मिसाल बताया. उनके अनुसार, भारत ने यह दिखा दिया कि अब वह पारंपरिक आयातक नहीं, बल्कि एक भरोसेमंद हथियार निर्यातक भी बन चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि ब्रह्मोस की सफलता आने वाले समय में पश्चिमी देशों की रणनीतिक सोच को भी प्रभावित कर सकती है.

    दूसरी ओर, पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीनी हथियार अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर सके. इसका असर सीधे तौर पर चीन के रक्षा निर्यात पर पड़ा है. रिपोर्टों के अनुसार, इस संघर्ष के बाद कई देशों ने चीनी तकनीक को लेकर आशंका जाहिर की है और भारतीय विकल्पों में रुचि दिखाई है.

    ‘मेक इन इंडिया’ की रणनीतिक जीत

    भारत के आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान के हवाई हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम किया, जबकि रुद्रम मिसाइलों ने पाकिस्तानी रडार और कम्युनिकेशन बेस को निशाना बनाया. यह भारत के तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है. इससे यह भी साबित हुआ कि भारत अब सिर्फ अपने बल पर ही सीमाओं की रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि विश्व रक्षा मंच पर एक विकल्प के रूप में उभर रहा है.

    चीन को चुनौती, भारत को बढ़त

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनियाभर के रक्षा विशेषज्ञों और पर्यवेक्षकों ने भारत के सैन्य प्रदर्शन की सराहना की है. भारत ने यह साबित कर दिया है कि उसके स्वदेशी हथियार प्रणाली अब केवल रक्षा के लिए नहीं, बल्कि रणनीतिक प्रभुत्व के लिए भी पर्याप्त हैं. वहीं चीन के लिए यह एक चेतावनी है — कि उसके रक्षा निर्यात को अब एक मजबूत प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा.

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