पाकिस्तान में एक बार फिर से आतंक का साया गहरा गया है. कट्टरपंथी आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल ही में एक बार फिर से पाकिस्तानी सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है. संगठन ने एक वीडियो जारी कर दावा किया है कि उसके स्नाइपर्स ने घात लगाकर हमला करते हुए 10 पाकिस्तानी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया.
'ऑपरेशन अल-खंदक'
टीटीपी ने अपने बयान में इस हमले को 'ऑपरेशन अल-खंदक' का हिस्सा बताया है. संगठन ने कहा है कि यह अभियान पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ चलाया जा रहा है. इसके तहत सैन्य ठिकानों, सुरक्षा बलों और सरकारी प्रतिष्ठानों को टारगेट किया जाएगा.
टीटीपी का आरोप है कि पाकिस्तानी सेना देश को 77 वर्षों से बर्बाद कर रही है और वह अब इसके खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. संगठन ने यह भी खुलासा किया है कि वह अपने लड़ाकों को गुरिल्ला युद्ध, स्नाइपर हमले और आत्मघाती हमलों की खास ट्रेनिंग दे रहा है. टीटीपी ने यह दावा भी किया है कि उसके पास आधुनिक हथियारों के साथ-साथ लेजर तकनीक आधारित हथियार भी मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को नेस्तनाबूद करने में किया जाएगा.
टीटीपी की ताकत में काफी इजाफा
गौरतलब है कि साल 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद से टीटीपी की ताकत में काफी इजाफा हुआ है. नवंबर 2022 में टीटीपी ने पाकिस्तान के साथ जारी संघर्षविराम को एकतरफा समाप्त कर दिया था, जिसके बाद से उसने पाकिस्तान में आतंकी गतिविधियों को तेज़ कर दिया है. बीते महीनों में टीटीपी ने कई पाकिस्तानी सैनिकों और पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर मार डाला है.
टीटीपी की स्थापना 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने की थी. उस समय पाकिस्तान के विभिन्न 13 कट्टरपंथी गुटों को मिलाकर इस संगठन को खड़ा किया गया था. तब से लेकर आज तक इसका मकसद पाकिस्तानी सेना और सरकार के खिलाफ जिहाद छेड़ना रहा है. अमेरिका पहले ही चेतावनी दे चुका है कि अगर इसे रोका नहीं गया, तो टीटीपी भविष्य में पाकिस्तान के परमाणु हथियारों तक पहुंच बना सकता है.
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