रियाद: सऊदी अरब ने हज यात्रा को सुव्यवस्थित करने और बिना पंजीकरण हज में भाग लेने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए 14 देशों के वीजा अस्थायी रूप से निलंबित कर दिए हैं. इनमें भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश शामिल हैं. यह प्रतिबंध उमरा, व्यापार और पारिवारिक यात्रा वीजा पर लागू होगा और जून के मध्य तक प्रभावी रह सकता है.
नए प्रतिबंधों का उद्देश्य
सऊदी प्रशासन के अनुसार, कई यात्री उमरा या विजिट वीजा के माध्यम से सऊदी अरब में प्रवेश करने के बाद बिना उचित अनुमति के हज में भाग लेते हैं, जिससे भीड़ बढ़ती है और प्रशासनिक चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं.
उमरा वीजा धारकों को 13 अप्रैल तक सऊदी अरब में प्रवेश की अनुमति दी गई है. इस साल हज यात्रा 4 जून से 9 जून तक निर्धारित है. नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों को पाँच वर्षों तक सऊदी अरब में प्रवेश से प्रतिबंधित किया जा सकता है.
2024 की घटना के बाद लिया गया निर्णय
2024 की हज यात्रा के दौरान अत्यधिक गर्मी और भीड़ के कारण 1,200 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें 98 भारतीय भी शामिल थे. इस त्रासदी के मद्देनजर, सऊदी सरकार ने इस बार हज यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए यह कदम उठाया है.
क्या कहता है सऊदी प्रशासन?
सऊदी अरब के हज और उमरा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय किसी भी राजनीतिक विवाद से प्रेरित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य हज यात्रा को सुरक्षित और सुगठित बनाना है. कुछ विदेशी नागरिक व्यापार या पारिवारिक वीजा के माध्यम से सऊदी अरब में अवैध रूप से काम कर रहे थे, जिससे वीजा नियमों का उल्लंघन हो रहा था.
जलवायु परिवर्तन और हज यात्रा
सऊदी अधिकारियों के अनुसार, मक्का में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है. हर 10 वर्षों में औसत तापमान 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है. 2023 में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी के कारण 240 तीर्थयात्रियों की मृत्यु हुई थी, जिनमें से अधिकांश इंडोनेशिया के थे.
हज की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता
हज इस्लाम के पाँच अनिवार्य कर्तव्यों में से एक है, जिसे हर मुस्लिम व्यक्ति को जीवन में कम से कम एक बार पूरा करना आवश्यक माना जाता है. यह परंपरा पैगंबर मोहम्मद द्वारा शुरू की गई थी, जब उन्होंने 628 ईस्वी में अपने अनुयायियों के साथ तीर्थयात्रा की थी.
हर साल लाखों तीर्थयात्री हज यात्रा के लिए मक्का पहुंचते हैं, जिसे पांच दिनों तक चलने वाले अनुष्ठानों के बाद ईद उल-अजहा (बकरीद) के साथ संपन्न किया जाता है. हज के लिए सऊदी अरब विभिन्न देशों को कोटा प्रदान करता है, जिसमें इंडोनेशिया को सबसे अधिक कोटा मिलता है, इसके बाद पाकिस्तान, भारत, बांग्लादेश और नाइजीरिया का स्थान आता है.
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