यूनुस सरकार को भारत का सख्त संदेश, कहा- बिना प्रक्रिया के बैन लगाना सही नहीं

    बांग्लादेश में राजनीतिक उठापटक के बीच भारत ने पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ‘अवामी लीग’ पर प्रतिबंध लगाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है.

    यूनुस सरकार को भारत का सख्त संदेश, कहा- बिना प्रक्रिया के बैन लगाना सही नहीं

    बांग्लादेश में राजनीतिक उठापटक के बीच भारत ने पड़ोसी देश की अंतरिम सरकार द्वारा प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ‘अवामी लीग’ पर प्रतिबंध लगाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. भारत ने इस फैसले को लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध बताया और बांग्लादेश में जल्द से जल्द स्वतंत्र, निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराए जाने की पुरज़ोर मांग की.

    बिना प्रक्रिया के प्रतिबंध, भारत ने बताया अस्वीकार्य

    भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा, कि “लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बिना किसी राजनीतिक दल पर प्रतिबंध लगाना गंभीर और चिंताजनक विषय है. भारत, एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते, ऐसे किसी भी कदम से परेशान है जो राजनीतिक स्वतंत्रता और बहुपक्षीय सहभागिता को सीमित करता हो.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत हमेशा से बांग्लादेश की लोकतांत्रिक मजबूती का समर्थन करता आया है और वहां शीघ्र पारदर्शी चुनाव करवाने की आवश्यकता को दोहराया.

    क्या है मामला?

    12 मई 2025 को बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत शेख हसीना की अवामी लीग और उससे जुड़े सभी संगठनों की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया. सरकार का तर्क है कि यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में चल रहे मुकदमे समाप्त नहीं हो जाते.

    ढाका का पलटवार, सुरक्षा को बताया प्राथमिकता

    भारत की तीखी प्रतिक्रिया के बाद बांग्लादेश के कार्यवाहक सरकार के प्रवक्ता शफीकुल आलम ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि यह प्रतिबंध देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता, और जन सुरक्षा के लिहाज से जरूरी है. उन्होंने कहा, कि “यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि हसीना सरकार के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल लोगों की रक्षा की जा सके और अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के गवाहों को धमकियों से बचाया जा सके.”

    कूटनीतिक रिश्तों पर असर?

    भारत और बांग्लादेश के रिश्ते लंबे समय से मजबूत रहे हैं, विशेषकर शेख हसीना के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा और सीमा मुद्दों पर सहयोग बढ़ा है. ऐसे में अवामी लीग पर लगा यह प्रतिबंध भारत-बांग्लादेश संबंधों को नई चुनौती दे सकता है.
     

    यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान का अफसर 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित, भारत ने 24 घंटे में देश छोड़ने को कहा; फिर कुछ बड़ा होगा!