बांग्लादेश ने बार-बार लगाई थी गुहार, पीएम मोदी ने कर दी यूनुस की मुराद पूरी; चीन से 'दोस्ती' पर चर्चा

बैंकॉक में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की मुलाकात हुई. पहले ऐसा लग रहा था कि यह बैठक नहीं होगी, लेकिन बांग्लादेश ने बार-बार इस मुलाकात के लिए अनुरोध किया था.

Bangladesh had repeatedly appealed PM Modi fulfilled Yunus wish
पीएम मोदी-यूनुस | Photo: X

बैंकॉक में छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के मौके पर एक बड़ी बैठक हुई, जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने हिस्सा लिया. शुरू में इस मुलाकात को लेकर संदेह था, लेकिन बांग्लादेश की ओर से बार-बार अनुरोध के बाद यह संभव हो पाया. सूत्रों के हवाले से पता चला है कि दोनों के बीच शेख हसीना का मसला, चिकन नेक कॉरिडोर और चीन के साथ बांग्लादेश की बढ़ती दोस्ती जैसे मुद्दों पर गंभीर बातचीत हुई. यह बैठक तब हुई, जब दोनों देशों के रिश्तों में खटास साफ नजर आ रही है.

"समुद्र का संरक्षक"

हाल ही में मोहम्मद यूनुस ने चीन का दौरा किया था और वहां बांग्लादेश को "समुद्र का संरक्षक" कहकर तारीफ की गई थी. इस बयान पर भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने साफ कहा कि बंगाल की खाड़ी में सबसे ज्यादा तट भारत के पास है. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले और शेख हसीना का भारत में होना—ये वो वजहें हैं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है. फिर भी, बांग्लादेश के जोर देने पर पीएम मोदी ने यूनुस से मिलने का फैसला किया. पिछले साल दिसंबर में यूनुस ने दिल्ली आने की ख्वाहिश जताई थी, लेकिन तब भारत ने ठंडा रुख दिखाया था.

दिल्ली को यूनुस की मंशा पर शक

मोहम्मद यूनुस की चीन यात्रा ने भारत को चौकन्ना कर दिया है. उन्होंने वहां भारत के पूर्वोत्तर इलाकों, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश में "चीनी आर्थिक प्रभाव" बढ़ाने की बात कही थी. यह सुनकर भारत का माथा ठनका और उसे बांग्लादेश के भारत विरोधी रुख की आशंका होने लगी. दिल्ली को यूनुस की मंशा पर शक गहरा गया है, और इस मुलाकात को इस तनाव के बीच एक अहम कदम माना जा रहा है.

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