वॉशिंगटन: हाल ही में अमेरिका के नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र के साथ हुई कड़ाई से निपटने की घटना ने भारत में व्यापक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र को निर्वासन से पहले हथकड़ी लगाई गई और उसके साथ कठोर व्यवहार किया गया. इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच चर्चा का विषय बनते हुए कई सवाल खड़े कर दिए हैं.
अमेरिकी दूतावास का स्पष्टीकरण
नई दिल्ली में स्थित अमेरिकी दूतावास ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका हमेशा कानूनी प्रक्रिया के तहत आने वाले यात्रियों का स्वागत करता है, लेकिन अवैध प्रवेश, वीजा के दुरुपयोग या अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता. दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया, "अमेरिका की यात्रा करने का कोई स्वाभाविक अधिकार नहीं है. केवल उन्हीं यात्रियों को अनुमति दी जाती है जो सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हैं."
The United States continues to welcome legitimate travelers to our country. However, there is no right to visit the United States. We cannot and will not tolerate illegal entry, abuse of visas, or the violation of U.S. law. pic.twitter.com/WvsUb4Mtqu
— U.S. Embassy India (@USAndIndia) June 10, 2025
इस बयान के जरिए अमेरिकी प्रशासन ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि संबंधित छात्र की यात्रा दस्तावेजों में अनियमितता थी, जिसके चलते उसे देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई.
भारतीय वाणिज्य दूतावास की तत्परता
इस मामले के सामने आते ही न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने तुरंत संज्ञान लिया. दूतावास ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि वे स्थानीय अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं और इस मामले में पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. दूतावास ने कहा, "हमने सोशल मीडिया पर देखे गए वीडियो का संज्ञान लिया है और हम भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं."
भारतीय समुदाय में गहरी चिंता
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक प्रमुख सदस्य और उद्यमी कुणाल जैन ने 8 जून को भारतीय छात्र के साथ कथित खराब बर्ताव का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इस घटना का वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि उन्होंने खुद नेवार्क एयरपोर्ट पर इस छात्र को निर्वासित होते हुए देखा. जैन ने लिखा कि छात्र बेहद डरा हुआ था, लगातार रो रहा था और अधिकारियों से उसे समझने की गुहार लगा रहा था. बावजूद इसके, अधिकारियों ने उसके साथ कठोरता बरती और उसे तुरंत भारत डिपोर्ट कर दिया गया.
I witnessed a young Indian student being deported from Newark Airport last night— handcuffed, crying, treated like a criminal. He came chasing dreams, not causing harm. As an NRI, I felt helpless and heartbroken. This is a human tragedy. @IndianEmbassyUS #immigrationraids pic.twitter.com/0cINhd0xU1
— Kunal Jain (@SONOFINDIA) June 8, 2025
कुणाल जैन ने अपने पोस्ट में कहा, "ये बच्चे अपनी यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट तरीके से बताने में असमर्थ होते हैं, जिसके कारण उन्हें अपराधियों जैसा ट्रीट किया जाता है और सीधे निर्वासित कर दिया जाता है. यह एक मानवीय संकट बनता जा रहा है."
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने पेश किया इकोनॉमिक सर्वे, कर्ज बढ़कर 76 हजार अरब रुपए हुआ, देखें आंकड़े