वैध तरीके से आएं तो स्वागत, अवैध एंट्री बर्दाश्त नहीं... भारतीय छात्र से बदसलूकी पर अमेरिका का बयान

    हाल ही में अमेरिका के नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र के साथ हुई कड़ाई से निपटने की घटना ने भारत में व्यापक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है.

    Americas statement on mistreatment of Indian student
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- X

    वॉशिंगटन: हाल ही में अमेरिका के नेवार्क लिबर्टी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एक भारतीय छात्र के साथ हुई कड़ाई से निपटने की घटना ने भारत में व्यापक प्रतिक्रिया को जन्म दिया है. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में देखा जा सकता है कि छात्र को निर्वासन से पहले हथकड़ी लगाई गई और उसके साथ कठोर व्यवहार किया गया. इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के बीच चर्चा का विषय बनते हुए कई सवाल खड़े कर दिए हैं.

    अमेरिकी दूतावास का स्पष्टीकरण

    नई दिल्ली में स्थित अमेरिकी दूतावास ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका हमेशा कानूनी प्रक्रिया के तहत आने वाले यात्रियों का स्वागत करता है, लेकिन अवैध प्रवेश, वीजा के दुरुपयोग या अमेरिकी कानूनों के उल्लंघन को किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता. दूतावास ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया, "अमेरिका की यात्रा करने का कोई स्वाभाविक अधिकार नहीं है. केवल उन्हीं यात्रियों को अनुमति दी जाती है जो सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करते हैं."

    इस बयान के जरिए अमेरिकी प्रशासन ने यह संकेत देने की कोशिश की है कि संबंधित छात्र की यात्रा दस्तावेजों में अनियमितता थी, जिसके चलते उसे देश में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई.

    भारतीय वाणिज्य दूतावास की तत्परता

    इस मामले के सामने आते ही न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने तुरंत संज्ञान लिया. दूतावास ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि वे स्थानीय अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में हैं और इस मामले में पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. दूतावास ने कहा, "हमने सोशल मीडिया पर देखे गए वीडियो का संज्ञान लिया है और हम भारतीय नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं."

    भारतीय समुदाय में गहरी चिंता

    भारतीय-अमेरिकी समुदाय के एक प्रमुख सदस्य और उद्यमी कुणाल जैन ने 8 जून को भारतीय छात्र के साथ कथित खराब बर्ताव का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इस घटना का वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि उन्होंने खुद नेवार्क एयरपोर्ट पर इस छात्र को निर्वासित होते हुए देखा. जैन ने लिखा कि छात्र बेहद डरा हुआ था, लगातार रो रहा था और अधिकारियों से उसे समझने की गुहार लगा रहा था. बावजूद इसके, अधिकारियों ने उसके साथ कठोरता बरती और उसे तुरंत भारत डिपोर्ट कर दिया गया.

    कुणाल जैन ने अपने पोस्ट में कहा, "ये बच्चे अपनी यात्रा का उद्देश्य स्पष्ट तरीके से बताने में असमर्थ होते हैं, जिसके कारण उन्हें अपराधियों जैसा ट्रीट किया जाता है और सीधे निर्वासित कर दिया जाता है. यह एक मानवीय संकट बनता जा रहा है."

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