रूसी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम के सामने ढेर हुआ अमेरिकी F-16 जेट, भारत के खौफ से चीन के छूटे पसीने

    S-400 vs F-26: यूक्रेन की एयरफोर्स ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि रूस ने अमेरिका से मिले एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया है.

    American F16 jet crashed Russian S400 air defense system China India
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    S-400 vs F-26: बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन को बड़ा झटका लगा है. यूक्रेन की एयरफोर्स ने खुद इस बात की पुष्टि की है कि रूस ने अमेरिका से मिले एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया है. यह विमान अमेरिका और नाटो का सबसे भरोसेमंद और टेस्ट किया हुआ फाइटर जेट माना जाता है. इस घटना ने न सिर्फ यूक्रेनी वायुसेना की ताकत पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि अमेरिका की सैन्य रणनीति और रूस की डिफेंस क्षमता पर भी नई बहस छेड़ दी है.

    दुनिया के सबसे खतरनाक सिस्टम्स में से एक

    रिपोर्ट में कहा गया है कि इस एफ-16 जेट को शायद रूस के आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम S-400 ने गिराया है. हालांकि कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि इसे रूस की R-37M एयर-टू-एयर मिसाइल से निशाना बनाया गया. अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इस एक घटना ने दुनिया भर में चर्चा को तेज कर दिया है.

    एफ-16 विमान यूक्रेन को इसलिए दिए गए थे ताकि वह रूस के Su-35 और Su-34 जैसे फाइटर जेट्स का मुकाबला कर सके. पश्चिमी देशों को उम्मीद थी कि इससे यूक्रेन को युद्ध में बड़ी बढ़त मिलेगी. लेकिन, रूस ने दिखा दिया कि सिर्फ आधुनिक टेक्नोलॉजी से युद्ध नहीं जीता जा सकता. इसके लिए मजबूत रणनीति, बेहतर प्लानिंग और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर जैसी चीजें भी जरूरी हैं.

    रूस का S-400 डिफेंस सिस्टम दुनिया के सबसे खतरनाक सिस्टम्स में से एक है. यह 400 किलोमीटर दूर तक के टारगेट को मार सकता है और एक साथ 80 टारगेट्स पर नजर रख सकता है. एफ-16 जैसे विमान इसके लिए आसान शिकार बन जाते हैं अगर वे इसकी रेंज में आ जाएं. भारत भी इस सिस्टम का इस्तेमाल करता है और एलएसी के पास इसे चीन से बचाव के लिए तैनात किया गया है. इस सिस्टम को खरीदने पर अमेरिका ने भारत से नाराजगी भी जताई थी.

    R-37M मिसाइल भी पावरफुल

    दूसरा हथियार जो एफ-16 को गिराने के लिए इस्तेमाल हुआ हो सकता है, वह है R-37M मिसाइल. यह मिसाइल बहुत तेज (Mach 6 की रफ्तार से) उड़ती है और 300 से 400 किलोमीटर तक टारगेट को मार सकती है. यह खासतौर पर फाइटर जेट्स, टैंकर और कमांड एयरक्राफ्ट को निशाना बनाने के लिए बनाई गई है. अगर एफ-16 को इसी मिसाइल ने गिराया है तो यह साफ संकेत है कि रूस अब सिर्फ अपनी रक्षा नहीं कर रहा, बल्कि यूक्रेनी एयरस्पेस पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है.

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