भारत के खिलाफ 500% टैरिफ की तैयारी कर रहा US, अमेरिकी सांसदों ने तैयार किया...ट्रंप का क्या रुख?

    यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका में रूस के खिलाफ दबाव बनाने की एक नई रणनीति पर काम चल रहा है. अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों में जल्द ही एक ऐसा विधेयक पेश होने जा रहा है, जिससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों पर भारी शुल्क (टैरिफ) लगाने का अधिकार मिल सकता है ये शुल्क 500% तक हो सकते हैं.

    America US Is planning to impose 500 percent tariff on india
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    यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका में रूस के खिलाफ दबाव बनाने की एक नई रणनीति पर काम चल रहा है. अमेरिकी कांग्रेस के दोनों सदनों में जल्द ही एक ऐसा विधेयक पेश होने जा रहा है, जिससे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत, चीन और ब्राज़ील जैसे देशों पर भारी शुल्क (टैरिफ) लगाने का अधिकार मिल सकता है ये शुल्क 500% तक हो सकते हैं.

    इस प्रस्तावित बिल के पीछे अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के सदस्य ब्रायन फिट्जपैट्रिक का नेतृत्व है. दोनों सांसदों का कहना है कि इस क़दम का मकसद उन देशों को सबक सिखाना है जो रूसी तेल खरीदकर पुतिन की युद्ध मशीन को फंडिंग कर रहे हैं.

    रूस पर दबाव की तैयारी, सहयोगी देशों को भी घेरा जाएगा

    ग्राहम और फिट्जपैट्रिक के मुताबिक, अगर रूस यूक्रेन के साथ बातचीत के लिए तैयार नहीं होता, तो उस पर अतिरिक्त प्रतिबंध लागू होंगे. लेकिन सिर्फ मॉस्को ही नहीं, बल्कि वे देश भी निशाने पर होंगे जो रूस से तेल और गैस खरीद रहे हैं. इनमें खासतौर से भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश शामिल हैं. इन देशों पर अमेरिका दंडात्मक टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है ताकि रूस को आर्थिक रूप से कमजोर किया जा सके.

    ग्राहम बोले - अब और रियायत नहीं, ठोस कार्रवाई का समय

    सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा एक बयान में लिंडसे ग्राहम ने कहा कि चीन रियायती दरों पर रूसी तेल खरीद रहा है, जिससे पुतिन को युद्ध जारी रखने की ताकत मिल रही है. अब वक्त है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश ऐसे देशों पर कड़ा आर्थिक दंड लगाएं. उन्होंने आगे कहा कि यह बिल राष्ट्रपति ट्रंप को सख्त और निर्णायक कार्रवाई करने की पूरी ताकत देगा.

    राष्ट्रपति ट्रंप का रुख भी सख्त

    ट्रंप पहले ही यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे रूस पर बड़े पैमाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं. बशर्ते नाटो के सदस्य देश एकमत होकर कदम उठाएं. अपने पत्र में ट्रंप ने कहा कि मैं तभी आगे बढ़ूंगा जब सभी नाटो देश रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे.उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चीन से आने वाले सामानों पर 50% से 100% तक शुल्क तब तक लागू रहना चाहिए जब तक युद्ध समाप्त न हो जाए.

    चीन की भूमिका पर बढ़ रही नजरें

    सीनेटर ग्राहम के अनुसार, चीन इस पूरे युद्ध में एक अदृश्य सहयोगी की तरह काम कर रहा है. वह पुतिन से सस्ती दरों पर तेल और गैस लेकर उसे फंडिंग कर रहा है. ऐसे में अब उसे निशाना बनाना जरूरी हो गया है. उन्होंने साफ शब्दों में कहाअगर हम सचमुच पुतिन को पीछे हटाना चाहते हैं, तो हमें चीन, भारत और ब्राजील जैसे देशों पर भारी दबाव बनाना होगा.

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