साना (यमन): यमन के उत्तर में स्थित सादा प्रांत में सोमवार को हुए एक अमेरिकी हवाई हमले ने दिल दहला देने वाला मंजर छोड़ दिया. इस हमले में एक प्रवासी डिटेंशन सेंटर को निशाना बनाया गया, जिसमें 68 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और कम से कम 47 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं.
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, हमला उस केंद्र पर हुआ था जहां मुख्यतः अफ्रीकी प्रवासियों को रखा गया था. इस केंद्र में कुल 115 लोग मौजूद थे. घायलों को निकटवर्ती अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत नाजुक बनी हुई है.
यमन की अल मसीरा टीवी द्वारा प्रसारित फुटेज में हमले के बाद मलबे के ढेर में बिखरे शवों और बचाव कार्यों के हृदयविदारक दृश्य सामने आए हैं. सादा के जनरल रिपब्लिकन अस्पताल ने टेलीग्राम पर पुष्टि की कि कई दर्जन शव अस्पताल लाए गए हैं, जबकि दर्जनों घायल मरीजों का इलाज जारी है.
अमेरिकी सेना की ओर से चुप्पी
अब तक अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, हमले से पहले सेंटकॉम ने एक बयान जारी कर कहा था कि ऑपरेशनल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वे अपने अभियानों की जानकारी सार्वजनिक नहीं करेंगे.
सेंटकॉम ने कहा था, "हम वर्तमान और भविष्य के अभियानों की सूचनाएं साझा करने से परहेज करते हैं. हमारे अभियान सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध हैं, लेकिन हम कार्रवाई के विवरण का खुलासा नहीं करते."
गाजा में भी तबाही जारी
इसी दिन, गाजा पट्टी में इजराइली हमलों के चलते 23 फिलिस्तीनी नागरिकों की जान चली गई. इससे एक दिन पहले ही 53 अन्य फिलिस्तीनियों की मौत की पुष्टि हुई थी.
गाजा मीडिया कार्यालय के अनुसार, इजराइल के साथ जारी युद्ध में अब तक 52,243 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं और 117,639 लोग घायल हुए हैं. मलबे में दबे लापता लोगों को भी मृत मानते हुए मरने वालों की कुल संख्या 61,700 से अधिक मानी जा रही है.
बढ़ती मानवीय त्रासदी
यमन और गाजा दोनों ही इलाकों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि इन क्षेत्रों में बढ़ती हिंसा से एक बड़े पैमाने पर मानवीय संकट पैदा हो सकता है, जिसकी भरपाई आने वाले वर्षों तक भी मुश्किल होगी.
ये भी पढ़ें- BBC को सख्त चेतावनी, शोएब अख्तर समेत 17 यूट्यूब चैनल बैन... भारत के एक्शन से फिर थर्राया पाकिस्तान!