भाई-भाई जैसे कतर और पाकिस्तान, हमला हुआ तो मुस्‍लि‍म देशों के एकजुट होने की नसीहत दे रहे शहबाज शरीफ

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हाल ही में कतर की राजधानी दोहा पहुंचे, जहां उन्होंने इजरायल के हमलों की निंदा करते हुए मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की. कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से हुई मुलाकात में शरीफ ने कहा कि यह वक्त मुस्लिम उम्माह के लिए एक होने का है और इजरायली आक्रामकता का सामूहिक जवाब देने की जरूरत है.

    all muslim countries should unite shehbaz sharif remark after israeli attack on qatar
    Image Source: Social Media

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ हाल ही में कतर की राजधानी दोहा पहुंचे, जहां उन्होंने इजरायल के हमलों की निंदा करते हुए मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की. कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से हुई मुलाकात में शरीफ ने कहा कि यह वक्त मुस्लिम उम्माह के लिए एक होने का है और इजरायली आक्रामकता का सामूहिक जवाब देने की जरूरत है.

    उनका यह बयान ना केवल चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि कई कूटनीतिक विशेषज्ञ इसे राजनीतिक दूरगामी इशारा भी मान रहे हैं.

    मुस्लिम उम्माह की एकता पर जोर

    शरीफ ने कतर के साथ संवाद के दौरान साफ तौर पर कहा कि “मिडिल ईस्ट में इजरायल की बेशर्मीपूर्ण आक्रामकता को अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. हमें अपने मतभेद भुलाकर एकजुट होना होगा.” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अगर मुस्लिम देश आपस में बंटे रहेंगे, तो इजरायल जैसी ताकतें राजनीतिक और कूटनीतिक दबाव बनाकर उन्हें कमजोर करती रहेंगी. यह बयान सीधे तौर पर मुस्लिम देशों को आह्वान करता है कि वे एक साझा मोर्चा बनाएं — भले ही उनके राजनीतिक, सामाजिक या आर्थिक मतभेद क्यों न हों. शरीफ ने इसे "रक्षा और स्थायित्व" का सवाल बताया.

    कतर के लिए भावनात्मक जुड़ाव

    शहबाज शरीफ ने कतर के साथ पाकिस्तान के संबंधों को “भाईचारे पर आधारित” बताया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जनता और नेतृत्व कतर के खिलाफ इजरायली हमलों से बेहद आहत हैं. उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला उल्लंघन करार दिया और कतर की मध्यस्थ भूमिका की सराहना की, जो वह क्षेत्रीय शांति के लिए निभा रहा है. शरीफ ने कहा, “कतर ने हमेशा शांति कायम करने की दिशा में जिम्मेदार और संतुलित भूमिका निभाई है, और पाकिस्तान इसे बहुत महत्व देता है.” साथ ही उन्होंने दोहराया कि दोनों देशों ने हर संकट में एक-दूसरे का साथ निभाया है.

    क्या बढ़ सकता है क्षेत्रीय तनाव?

    हालांकि शहबाज शरीफ की इस बात को मुस्लिम एकता के दृष्टिकोण से देखा जा सकता है, लेकिन कूटनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, इस बयान के गंभीर अंतरराष्ट्रीय प्रभाव भी हो सकते हैं. ऐसे तीखे शब्दों में इजरायल की आलोचना और मुस्लिम देशों को संगठित करने की अपील से क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है. इससे उन कट्टरपंथी ताकतों को बल मिल सकता है जो हिंसा को ही समाधान मानती हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान और अमेरिका समेत पश्चिमी सहयोगियों के बीच संबंधों में भी तनाव आ सकता है, क्योंकि ये देश इजरायल के सहयोगी माने जाते हैं. यदि इस बयान को उग्र विचारों को बढ़ावा देने वाला समझा गया, तो इससे पाकिस्तान की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंच सकता है. 

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