पाकिस्तान एयरफोर्स के चीफ, एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने 2 जुलाई को एक अहम अमेरिकी दौरे पर जाने का फैसला लिया था, जो पिछले 10 वर्षों में किसी भी पाकिस्तानी वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी का पहला अमेरिकी दौरा था. इस यात्रा के दौरान, सिद्धू ने अमेरिकी एयरफोर्स के प्रमुख और कई अन्य शीर्ष अमेरिकी सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की. यह दौरा ऐसे समय पर हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव चरम पर हैं, और मई महीने में दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव भी हुआ था.
AIM-120D मिसाइल पर पाकिस्तान का ध्यान
इस यात्रा के मुख्य उद्देश्यों में से एक पाकिस्तान के पुराने एफ-16 लड़ाकू विमानों को आधुनिक बनाने का था. पाकिस्तान चाहता है कि उसकी एफ-16 फ्लीट को अमेरिकी AIM-120D मिसाइलों से लैस किया जाए, जो इनकी रक्षा क्षमताओं को बढ़ा सके. रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान का यह कदम भारत के खिलाफ सैन्य तैयारी को और मजबूत करने का प्रयास है. AIM-120D मिसाइल, अमेरिका की सबसे उन्नत "बियॉन्ड विज़ुअल रेंज" (BVR) एयर-टू-एयर मिसाइल है, जिसकी रेंज 180 किलोमीटर से ज्यादा है और यह GPS, ड्यूल-डाटा लिंक और जामिंग-प्रतिरोधक टेक्नोलॉजी से लैस है.
ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान की कमियां
भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान पाकिस्तान की कई कमजोरियां उजागर हुई थीं. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और वायुसेना के एयरबेसों पर सटीक हमले किए थे. पाकिस्तान की चीनी निर्मित PL-15 मिसाइलों को भारत की इलेक्ट्रॉनिक जामिंग प्रणालियों के सामने नाकाम होना पड़ा था. भारत ने पाकिस्तानी PL-15 मिसाइलों को हवा में नष्ट कर दिया था, और एक मिसाइल को बरामद भी किया था. यही कारण है कि पाकिस्तान अब AIM-120D जैसे उन्नत मिसाइलों की तलाश कर रहा है, जो सटीक निशाना लगाने और दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम हों.
पाकिस्तान की एफ-16 फ्लीट को अपग्रेड करने की योजना
पाकिस्तान के पास जो AIM-120C-5 मिसाइलें हैं, वे अब पुरानी हो चुकी हैं, और उनकी मारक क्षमता भी 100 किलोमीटर तक सीमित है. इसका मुकाबला भारत के राफेल और मेटियोर मिसाइल कॉम्बिनेशन से नहीं किया जा सकता है. पाकिस्तान अब अपने करीब 18 F-16 ब्लॉक 52 जेट को AIM-120D मिसाइलों से लैस करने की योजना बना रहा है. ऐसा करके, पाकिस्तान अपनी पुरानी मिसाइलों को बदलने और अपनी वायुसेना को मजबूती देने की कोशिश कर रहा है.
क्या पाकिस्तान को मिल पाएगी AIM-120D मिसाइल?
हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120D मिसाइलें देगा? पाकिस्तान और चीन के बीच गहरे रक्षा संबंधों को देखते हुए, अमेरिका को यह डर है कि इन अत्याधुनिक मिसाइलों का तकनीकी ज्ञान चीन तक पहुंच सकता है. यही कारण है कि अमेरिका ने हमेशा पाकिस्तान को संवेदनशील सैन्य तकनीक देने में हिचकिचाहट दिखाई है. इसके अतिरिक्त, 2006 में एफ-16 सौदे में अमेरिका ने पाकिस्तान को 'एंड-यूज मॉनिटरिंग' की शर्तें लागू की थीं, और ऐसी ही शर्तें AIM-120D मिसाइलों की बिक्री से पहले भी लागू की जा सकती हैं, जो एक राजनीतिक विवाद का कारण बन सकती हैं.
पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते
भारत इस घटनाक्रम पर लगातार नजर बनाए हुए है, क्योंकि यदि अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120D मिसाइलों की आपूर्ति करता है, तो यह भारत-पाकिस्तान संबंधों में और तनाव उत्पन्न कर सकता है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका पाकिस्तान को यह मिसाइलें नहीं देगा, क्योंकि इससे अमेरिका और भारत के रिश्ते खराब हो सकते हैं. लेकिन अमेरिकी राजनीति में हमेशा कुछ अप्रत्याशित हो सकता है, जैसा कि 2016 में हुआ था, जब बराक ओबामा प्रशासन ने भारत की आपत्ति पर पाकिस्तान को अतिरिक्त 8 एफ-16 जेट देने का निर्णय रद्द कर दिया था.
पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में नरमी
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच हालिया घटनाक्रम यह संकेत देते हैं कि दोनों देशों के बीच संबंधों में कुछ नरमी आ सकती है. जनवरी 2025 में, ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े को बनाए रखने के लिए 397 मिलियन डॉलर का फंड जारी किया था, जो पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्तों में एक नया मोड़ हो सकता है. सिद्धू का अमेरिका दौरा, जो पाकिस्तान एयरफोर्स के प्रमुख के रूप में उनका पहला है, यह दर्शाता है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ फिर से जुड़ने के लिए तैयार हो सकता है.
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