अगर आप भी क्रिकेट प्रेमी हैं और आईपीएल का लाइव रोमांच स्टेडियम में बैठकर देखना पसंद करते हैं, तो यह खबर आपको थोड़ा परेशान कर सकती है. सरकार ने अब आईपीएल मैच देखने को "लग्जरी एक्टिविटी" की श्रेणी में डाल दिया है और इसके टिकट पर जीएसटी की दर 28% से बढ़ाकर 40% कर दी है. इसका मतलब साफ है- स्टेडियम में बैठकर मैच देखना अब महंगा हो गया है.
यह फैसला हाल ही में हुई GST काउंसिल की 56वीं बैठक में लिया गया, जिसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 3 सितंबर को दी. लेकिन इसमें सिर्फ आईपीएल या प्रीमियम स्पोर्ट्स इवेंट्स को ही शामिल किया गया है. आम क्रिकेट मैच, यानी घरेलू टूर्नामेंट या इंटरनेशनल मैचों पर अभी भी 18% जीएसटी ही लागू होगा.
स्टेडियम में आईपीएल देखना क्यों हो गया महंगा?
सरकार का मानना है कि आईपीएल जैसे इवेंट अब सिर्फ खेल नहीं, एक महंगी मनोरंजन सेवा बन चुके हैं. इन इवेंट्स में टिकट की कीमतें, एक्सक्लूसिव हॉस्पिटैलिटी, वीआईपी पैकेज और ब्रांडेड प्रमोशन शामिल होते हैं. इसलिए इन्हें तंबाकू उत्पादों और कसीनो जैसी सेवाओं के साथ “सिन गुड्स” की तरह उच्च टैक्स स्लैब में रखा गया है.
IPL टिकट पर टैक्स कैसे बढ़ा?
अगर टिकट की कीमत 1000 रुपए है
अगर टिकट की कीमत 2000 रुपए है
जैसे-जैसे टिकट की कीमत बढ़ेगी, टैक्स का बोझ भी बढ़ता जाएगा. परिवार के साथ मैच देखने जाना अब एक महंगी डील बन सकता है.
सिनेमा प्रेमियों को मिली राहत
जहां एक तरफ आईपीएल के टिकट महंगे हो गए हैं, वहीं फिल्मों के शौकीनों को थोड़ी राहत दी गई है. खासकर वे लोग जो 100 रुपए तक की टिकट खरीदते हैं, अब उन्हें कम जीएसटी देना होगा.
पहले ऐसी टिकटों पर 12% जीएसटी लगती थी, लेकिन अब इसे घटाकर 5% कर दिया गया है. यानी:
हालांकि, 100 रुपए से ऊपर की टिकटों पर अभी भी 18% टैक्स जारी रहेगा. मल्टीप्लेक्स में बड़े बजट की फिल्में देखने वालों को कोई राहत नहीं दी गई है.
होटल में रहना अब थोड़ा सस्ता
अगर आप घूमने के शौकीन हैं और अक्सर होटल में ठहरते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. 7500 रुपए प्रति रात से कम किराए वाले होटल या रिसॉर्ट्स पर अब टैक्स दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है.
उदाहरण के लिए, पहले 5000 रुपए के होटल रूम पर टैक्स लगता था ₹600
यह बदलाव टूरिज्म को बढ़ावा देने और बजट यात्रियों को राहत देने के मकसद से किया गया है.
जिम और सैलून जैसी सेवाएं भी हुईं सस्ती
अगर आप फिटनेस को लेकर सजग हैं और नियमित रूप से जिम या योग सेंटर जाते हैं, तो अब आपको फीस में राहत मिलेगी. सरकार ने इन सेवाओं पर टैक्स को 18% से घटाकर 5% कर दिया है.
जैसे, जिम की फीस ₹1000 है:
इसी तरह सैलून, ब्यूटी पार्लर और योग क्लासेज़ भी अब कम दाम में मिलेंगी, जिससे आम लोग हेल्थ और पर्सनल केयर पर ज्यादा खर्च कर सकेंगे.
बीमा सेवाओं पर टैक्स पूरी तरह हटा
बीमा अब आम आदमी के लिए और किफायती बन गया है. सरकार ने जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर लगने वाला टैक्स पूरी तरह हटा दिया है. इससे खासतौर पर उन लोगों को फायदा होगा जो पहली बार बीमा लेने की सोच रहे हैं.
इससे बीमा की पहुंच देश के ज्यादा लोगों तक बढ़ सकेगी और लोग खुद को और अपने परिवार को बेहतर तरीके से सुरक्षित कर पाएंगे.
घर खरीदना और डिलीवरी सर्विस भी हुई सस्ती
इसका मतलब है कि अब ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर घर खरीदने तक की प्रक्रिया थोड़ी सस्ती हो जाएगी. सरकार का मकसद है कि आम आदमी की रोजमर्रा की ज़रूरतों को कम खर्चीला बनाया जाए.
नए स्लैब से क्या-क्या होगा सस्ता?
सरकार ने GST के 4 पुराने स्लैब्स को घटाकर अब दो मुख्य कैटेगरी में बांट दिया है- 5% और 18%. इससे कई जरूरी चीजें सस्ती हो जाएंगी:
क्या महंगा हो गया है?
नई टैक्स व्यवस्था में कुछ सेवाओं को “लक्ज़री या सिन गुड्स” मानते हुए 40% टैक्स स्लैब में डाला गया है:
हालांकि, शराब पर अभी भी जीएसटी नहीं लगाया गया है क्योंकि यह राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है.
कब से लागू होंगे ये बदलाव?
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि नई GST दरें 22 सितंबर 2025 से लागू होंगी, जो कि नवरात्रि के पहले दिन है. हालांकि, तंबाकू और उससे जुड़े उत्पादों पर 40% टैक्स फिलहाल कुछ समय के लिए टाल दिया गया है.
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