सना: यमन के हूती विद्रोहियों ने इजरायल के खिलाफ अपने हमले जारी रखने की घोषणा की है. शुक्रवार सुबह उन्होंने दक्षिणी तेल अवीव पर बैलिस्टिक मिसाइल दागने की जिम्मेदारी ली. हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने टेलीविजन पर बयान जारी कर कहा कि यह हमला गाजा पट्टी में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों के जवाब में किया गया. उन्होंने कहा कि उनकी सेना ने हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग कर एक इजरायली सैन्य लक्ष्य को निशाना बनाया. यह 24 घंटे के भीतर दूसरा हमला था.
हूती प्रवक्ता ने दावा किया कि इससे पहले उन्होंने तेल अवीव स्थित बेन गुरियन एयरपोर्ट पर हमला किया था, हालांकि इजरायल ने इसे रोकने का दावा किया. उन्होंने यह भी कहा कि जब तक गाजा में युद्ध समाप्त नहीं होता और मानवीय सहायता के लिए क्रॉसिंग फिर से नहीं खुल जाती, तब तक वे इजरायल और उसके जहाजों पर हमले जारी रखेंगे.
अमेरिकी नौसेना का जवाबी हमला
हूती विद्रोहियों के इन हमलों के जवाब में अमेरिकी सेना ने यमन में हूती ठिकानों पर हवाई हमले किए. वाशिंगटन का कहना है कि इन हमलों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय शिपिंग की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. हूती संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अमेरिकी हमलों में दर्जनों लोग मारे गए हैं.
नवंबर 2023 से हूती विद्रोही लगातार इजरायली जहाजों और शहरों पर ड्रोन और मिसाइल हमले कर रहे हैं. बाद में उन्होंने अमेरिकी और ब्रिटिश जहाजों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया. इसके जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन ने हूती ठिकानों पर कई हवाई और मिसाइल हमले किए.
इजरायल की सुरक्षा तैयारियां
इजरायली सेना ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को यमन से दागी गई मिसाइल को सफलतापूर्वक रोक लिया. इजरायली रक्षा बलों ने एक बयान में कहा, "कुछ समय पहले यमन से दागी गई एक मिसाइल को वायु सेना ने इजरायली सीमा में प्रवेश करने से पहले ही रोक दिया." इस मिसाइल हमले के चलते यरुशलम और कब्जे वाले पश्चिमी तट के कुछ हिस्सों में सायरन बजाए गए.
हूती लड़ाकों द्वारा इजरायल पर हमले फिर से शुरू किए जाने के बाद इजरायली सेना ने भी गाजा पट्टी में सैन्य अभियान तेज कर दिया है.
क्षेत्रीय तनाव में बढ़ोतरी
इस संघर्ष के कारण पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका और ब्रिटेन लगातार हूती विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, जबकि हूती समूह अपने हमलों को गाजा में जारी संघर्ष से जोड़कर देख रहा है. इस बीच, इजरायल की सेना ने सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया है ताकि संभावित हमलों से बचा जा सके.
विश्लेषकों का मानना है कि यदि यह संघर्ष जारी रहा तो यह व्यापक क्षेत्रीय संकट को जन्म दे सकता है, जिसमें कई अन्य देशों की भागीदारी बढ़ सकती है. अब यह देखना अहम होगा कि कूटनीतिक प्रयास इस बढ़ते तनाव को कम करने में कितने प्रभावी साबित होते हैं.
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