भारत के लोग दुनिया के हर कोने में मौजूद हैं. रोजी-रोटी की तलाश में वे विदेशों में काम करने के लिए जाते हैं, और खाड़ी देशों में भारतीयों की बड़ी संख्या है. कभी-कभी कुछ गलतियों के कारण उन्हें जेल में भी जाना पड़ता है. आज भी कई भारतीय विदेशी जेलों में बंद हैं, कुछ तो कई सालों से तो कुछ सिर्फ महीनों से बंद हैं. लेकिन अब भारत सरकार की मदद से इनकी आवाजें सुनी जा रही हैं और वे धीरे-धीरे अपने घर लौट रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के विजन और दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से अब कतर और यूएई जैसे देश भारतीय कैदियों की सजा माफ कर उन्हें रिहा कर रहे हैं. हाल ही में, यूएई के राष्ट्रपति शेख ने रमजान के मौके पर 500 भारतीय नागरिकों को रिहा किया. इससे पहले, कतर ने भी कई भारतीयों की सजा माफ की थी. अब भारतीय नागरिकों की घर वापसी आम हो गई है, और यह प्रक्रिया लगातार जारी है.
अब तक 10,000 से अधिक भारतीयों को रिहा कराया गया
2014 में प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद, विदेश मंत्रालय ने विदेशों में बंद भारतीयों की रिहाई को अपनी प्राथमिकता बना लिया. तब से अब तक 10,000 से अधिक भारतीयों को रिहा कराया गया है. इन कैदियों में से कुछ तो छोटी-छोटी वजहों से जेल में थे, जैसे सीमा पार करना या गलत वीजा पर विदेश जाना, लेकिन अब मोदी सरकार की कूटनीति के चलते, भारतीय नागरिकों को विदेशों से आसानी से रिहा कराना संभव हो पाया है.
भारत की डिप्लोमेसी ने कतर, यूएई, सऊदी अरब, और अन्य देशों से भारतीयों को रिहा कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर की सक्रिय कूटनीतिक कोशिशों के कारण कई भारतीय नागरिकों को घर वापस लाया जा चुका है.
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