यूरोप ने किया F-35 से किनारा तो अमेरिका ने तुर्की को दिया ऑफर, क्या ट्रंप की शर्त मानेंगे एर्दोगन?

वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रुख में बड़ा बदलाव करते हुए तुर्की को F-35 लड़ाकू विमान बेचने के संकेत दिए हैं.

Europe backed out from F-35 America made an offer to Türkiye will Erdogan accept Trump condition
ट्रंप-एर्दोगन | Photo: ANI

वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रुख में बड़ा बदलाव करते हुए तुर्की को F-35 लड़ाकू विमान बेचने के संकेत दिए हैं. हालांकि, इसके लिए अमेरिका ने तुर्की के सामने एक शर्त रखी है. इस शर्त के अनुसार, तुर्की को रूस से खरीदे गए S-400 मिसाइल सिस्टम को निष्क्रिय करना होगा. यह प्रस्ताव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान के बीच बातचीत के बाद सामने आया है.

S-400 मिसाइल सिस्टम को निष्क्रिय करने की शर्त

अमेरिका का प्रस्ताव इस शर्त के तहत है कि तुर्की या तो S-400 मिसाइल सिस्टम को नष्ट कर दे या फिर उसे अमेरिकी नियंत्रण वाले स्थान पर ले जाए. यदि तुर्की यह शर्त मानता है, तो उसे F-16 लड़ाकू विमान मिल सकते हैं, और साथ ही F-35 कार्यक्रम में फिर से शामिल होने का मौका भी मिलेगा.

अमेरिका और तुर्की के बीच रक्षा संबंधों में तनाव

तुर्की का रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीदना अमेरिका और NATO के लिए चिंता का कारण बन गया है. इस कारण अमेरिका ने तुर्की पर CAATSA (Countering America's Adversaries Through Sanctions Act) के तहत प्रतिबंध लगाए हैं. अमेरिका और NATO का मानना है कि इस सिस्टम से रूस को F-35 जैसे विमानों की संवेदनशील जानकारी मिल सकती है.

CAATSA कानून और तुर्की पर प्रतिबंध

CAATSA कानून का उद्देश्य उन देशों पर दबाव डालना है, जो रूस से हथियार खरीदते हैं. इस कानून के तहत अमेरिका ने 2020 में तुर्की के रक्षा उद्योग विभाग पर प्रतिबंध लगाए थे. इसके बाद तुर्की को F-35 प्रोग्राम से भी बाहर कर दिया गया था, हालांकि तुर्की ने इस प्रोजेक्ट में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया था.

S-400 मिसाइल सिस्टम का महत्व

रूस का S-400 एक लंबी दूरी का मिसाइल सिस्टम है, जो हवा में उड़ने वाले विमानों और मिसाइलों को 400 किलोमीटर तक की दूरी से नष्ट कर सकता है. तुर्की ने 2017 में रूस से 2.5 अरब डॉलर में यह सिस्टम खरीदा था, जबकि तुर्की NATO का सदस्य है.

F-35 विमान का अंतरराष्ट्रीय उपयोग

अमेरिका के F-35A लड़ाकू विमान का इस्तेमाल कई देशों द्वारा किया जा रहा है, जैसे ब्रिटेन, इटली, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, जापान और नीदरलैंड. इसके अलावा, जर्मनी, पोलैंड, फिनलैंड, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम, चेक गणराज्य और ग्रीस को भी यह विमान मिलेंगे. तुर्की के पास पहले से ही अमेरिका में बने कई विमान हैं, जिनमें F-16 भी शामिल है. अब अमेरिका से उसे F-35 खरीदने का प्रस्ताव मिला है.

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