ज‍िन धाराओं के तहत ग‍िरफ्तार हुआ तहव्वुर राणा, उसमें क‍ितनी सजा? क्‍या उसे मिलेगी फांसी

    Tahawwur Rana Extradition: मुंबई आतंकी हमले (26/11) के आरोपी तहव्वुर राणा को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने गिरफ्तार कर लिया है. राणा पर भारतीय कानून की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनके तहत उसे उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है. आइए जानते हैं

    ज‍िन धाराओं के तहत ग‍िरफ्तार हुआ तहव्वुर राणा, उसमें क‍ितनी सजा? क्‍या उसे मिलेगी फांसी
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    Tahawwur Rana Extradition: मुंबई आतंकी हमले (26/11) के आरोपी तहव्वुर राणा को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने गिरफ्तार कर लिया है. राणा पर भारतीय कानून की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनके तहत उसे उम्रकैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है. आइए जानते हैं उस पर लगे आरोपों के अनुसार, कितनी सजा हो सकती है और क्या उसे फांसी दी जा सकती है?

    किन धाराओं में दर्ज हुआ केस?

    1. IPC धारा 120B – आपराधिक साजिश:
    इसमें 6 महीने से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. तहव्वुर राणा के मामले की गंभीरता को देखते हुए, उसे उम्रकैद की सजा मिल सकती है.

    2. धारा 121 – भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना:
    यह बेहद गंभीर आरोप है. इसके तहत फांसी या उम्रकैद, और साथ में जुर्माना भी हो सकता है.

    3. धारा 302 – हत्या:
    इसके तहत फांसी या उम्रकैद, और जुर्माना का प्रावधान है. यह सजा “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” मामलों में दी जाती है.

    4. धारा 468 – धोखाधड़ी के लिए जालसाजी:
    इसमें 7 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है.

    5. धारा 471 – नकली दस्तावेज का उपयोग:
    इसमें भी 7 साल की सजा और जुर्माना हो सकता है.

    UAPA के तहत लगे गंभीर आरोप

    1. UAPA धारा 16 – आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होना:
    अगर इसमें किसी की मौत हो, तो मृत्युदंड (फांसी) या उम्रकैद का प्रावधान है.

    2. UAPA धारा 18 – आतंकी साजिश रचना:
    इसमें 5 साल से उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है, साथ में जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

    3. UAPA धारा 20 – आतंकी संगठन से जुड़ाव:
    इसमें भी 5 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है, साथ में जुर्माना.

    क्या तहव्वुर राणा को फांसी होगी?

    राणा पर धारा 121, 302 और UAPA की धारा 16 जैसी धाराएं लगी हैं, जिनमें फांसी का प्रावधान है. भारत में फांसी केवल "रेयरेस्ट ऑफ रेयर" मामलों में दी जाती है. तहव्वुर राणा पर 166 लोगों की मौत वाले हमले में लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का आरोप है. यदि एनआईए इस बारे में ठोस सबूत पेश करती है, तो फांसी की सजा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.

    राणा का बचाव क्या कह सकता है?

    • राणा का बचाव पक्ष यह तर्क दे सकता है कि:
    • उसने सीधे हमले में हिस्सा नहीं लिया.
    • वह केवल अप्रत्यक्ष सहयोगी था.

    अमेरिका में वह पहले ही सजा काट चुका है, जो उसके पक्ष में एक तर्क हो सकता है. हालांकि, भारत में UAPA और हत्या की धाराओं के तहत फैसला अदालत करेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि एनआईए को राणा से डेविड हेडली, ISI और आतंकवादी नेटवर्क के बारे में और जानकारी मिल सकती है, जिससे मामला और गंभीर व जटिल हो सकता है.