बेंगलुरु (कर्नाटक) : कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत द्वारा कथित मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद, कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं ने गुरुवार को इस कदम को "राजनीति से प्रेरित" करार दिया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजभवन का "दुरुपयोग" किया है.
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी राज्यपाल के कार्यालय का इस्तेमाल राज्य सरकार के खिलाफ कर रही है.
परमेश्वर ने कहा, "हमने कारण बताओ नोटिस के बारे में चर्चा की. हम इस पर निर्णय लेने जा रहे हैं. यह सब हम कैबिनेट की बैठक में चर्चा करेंगे. मैं कारण बताओ नोटिस की कानूनी स्थिति का खुलासा नहीं कर सकता. यह राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने पहले ईडी, सीबीआई का प्रयास किया और अब वे (भाजपा) राज्यपाल के कार्यालय का उपयोग कर रहे हैं."
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पहले सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल किया, अब राजभवन का इस्तेमाल कर रहे : मंत्री
कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने राजभवन का "दुरुपयोग" किया है. राव ने कहा, "राजभवन का भाजपा द्वारा दुरुपयोग किया गया है, यह बहुत स्पष्ट है. उन्होंने तमिलनाडु, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में सत्ता का दुरुपयोग किया और मैं आपको कई उदाहरण दे सकता हूं. इसलिए कोई आश्चर्य नहीं है और हमने सोचा कि हमारे राज्यपाल की तुलना अन्य भाजपा राज्यपालों से बेहतर है, लेकिन ऐसा लगता है कि वह भी भाजपा के हाथों की कठपुतली बन गए हैं. जिस तरह से वह चीजों को देख रहे हैं वह बहुत खेदजनक और असंवैधानिक है. आज कैबिनेट की बैठक है और उस बैठक के बाद, हमारे लोग बताएंगे कि हमें क्या कहना है."
उन्होंने आगे कहा कि यह एक कानूनी मुद्दा है और यह "अस्थिरता" पैदा करने का प्रयास है. उन्होंने कहा, "पहले उन्होंने ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल किया और अब वे राजभवन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी कारण से कैबिनेट की बैठक बुलाई जा रही है."
मंत्री एचके पाटिल ने कहा- सीएम के खिलाफ गलत आधार पर नोटिस
राज्य के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि कर्नाटक के सीएम के खिलाफ कारण बताओ नोटिस "गलत आधार पर" दिया गया है.
पाटिल ने कहा, "अभी यह कर्नाटक के सीएम को कारण बताओ नोटिस दिए जाने के चरण में है, जो गलत आधार पर है. हम आज कैबिनेट में इस पर चर्चा कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री को अध्यक्षता के लिए नामित किया है, क्योंकि आरोप सीएम के खिलाफ हैं और कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है, इसलिए उन्हें लगता है कि उन्हें चर्चा का हिस्सा नहीं होना चाहिए. उन्होंने हमसे चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए कहा है."
डीके शिवकुमार ने कहा- कैबिनेट की बैठक के बाद सब साफ करेंगे
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि वह कैबिनेट की बैठक के बाद सब कुछ स्पष्ट करेंगे.
उन्होंने कहा, "देखिए कैबिनेट की बैठक के बाद मैं जरूर आऊंगा और इस पर अपनी प्रतिक्रिया दूंगा. मैं समझाऊंगा कि संविधान है, लोकतंत्र है और लोगों की इच्छा है. हम यह सब समझाएंगे."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपनी मुलाकात पर बोलते हुए कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से राज्य की मदद करने का अनुरोध किया है क्योंकि राज्य में जनसंख्या बहुत बढ़ गई है. उन्होंने कहा, "बेंगलुरु एक बहुत ही महत्वपूर्ण शहर है जो उन्हें बहुत अधिक राजस्व देता है, दुनिया के नेता और दुनिया के निवेशक बेंगलुरु आ रहे हैं. मनमोहन सिंह के समय में बेंगलुरु को बड़े बुनियादी ढांचे दिए गए थे... अब, जब जनसंख्या बहुत बढ़ गई है, तो मैंने प्रधानमंत्री से हमारी मदद करने का अनुरोध किया है... हमने रक्षा मंत्री से भी मुलाकात की. हमने बजट में प्रतिबद्ध वित्तीय निधियों के लिए अनुरोध किया."
27 जुलाई को सिद्धारमैया को भेजा गया कारण बताओ नोटिस
कर्नाटक के राज्यपाल ने 27 जुलाई को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को कारण बताओ नोटिस जारी किया. इससे पहले, सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और नौ अन्य के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण से मुआवज़ा लेने के लिए कथित तौर पर जाली दस्तावेज़ बनाने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.
शिकायत में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके बहनोई मलिकार्जुन स्वामी देवराज, जिन्होंने खुद को ज़मीन का मालिक बताया था, और उनके परिवार पर गलत काम करने का आरोप लगाया गया है. आगे आरोप लगाया गया कि MUDA ने फ़र्जी दस्तावेज़ बनाए और करोड़ों रुपये के प्लॉट हासिल किए. स्नेहमयी कृष्णा ने अपनी शिकायत में कई सवाल उठाए हैं.
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